Hindi, asked by madhavnanda, 8 months ago

Difference between Yamak Alankar and Shlesh Alankar

Answers

Answered by ts765147
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Answer:

जहाँ पर कोई एक शब्द एक ही बार आये पर उसके अर्थ अलग अलग निकलें वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है। ... अर्थात जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है लेकिन उससे अर्थ कई निकलते हैं तो वह श्लेष अलंकार कहलाता है। यह अलंकार, Hindi Grammar के Alankar के शब्दालंकार के भेदों में से एक हैं।

यमक अलंकार में किसी काव्य का सौन्दर्य बढ़ाने के लिए एक शब्द की बार-बार आवृति होती है।

प्रयोग किए गए शब्द का अर्थ हर बार अलग होता है। शब्द की दो बार आवृति होना वाक्य का यमक अलंकार के अंतर्गत आने के लिए आवश्यक है।

Explanation:

Answered by 2005ayusharyan
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Answer:

यमक और श्लेष अलंकार की परिभाषा

यमक अलंकार :

श्लेष अलंकार :

यमक और श्लेष अलंकार में अंतर :

इस लेख में हमनें यमक और श्लेष अलंकार में अंतर के बारे में चर्चा की है।

अलंकार का मुख्य लेख पढ़नें के लिए यहाँ क्लिक करें – अलंकार किसे कहते है- भेद एवं उदाहरण

यमक और श्लेष अलंकार की परिभाषा

यमक अलंकार :

जब काव्य में एक ही शब्द की बार-बार आवृति हो तब वहां यमक अलंकार होता है। हर बार शब्द का अर्थ अलग होता है।

यमक अलंकार के बारे में गहराई से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें – यमक अलंकार – उदाहरण एवं परिभाषा

श्लेष अलंकार :

श्लेष का अर्थ होता है चिपकना। जब काव्य में एक ही शब्द में से कई अर्थ निकलते हों तब वहां श्लेष अलंकार होता है।

Explanation:

एक काव्य में यमक अलंकार होने के लिए एक ही शब्द कि कम से कम दो बार आवृति होना जरुरी है। हर बार शब्द का अर्थ अलग अलग होता है। जैसे :

कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।।

2. किसी काव्य में श्लेष अलंकार होने के लिए एक ही शब्द से विभिन्न अर्थ निकलने चाहिए। जैसे:

सीधी चलते राह जो, रहते सदा निशंक| जो करते विप्लव, उन्हें, ‘हरि’ का है आतंक||

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