difference of Crystal Lettice and unit cell in four point in hindi
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क्रिस्टल जालक और एकक कोष्टिका
(Crystal Lattice and Unit Cells)
क्रिस्टलीय ठोस का मुख्य अभिलक्षण उसके Constituent Particles (अवयवी कणों) का Regular (नियमित) और repeating (पुनरावृत) पैटर्न है।
जब क्रिस्टल के अवयवी कणों का three dimensional (त्रिविमीय) arrangement (व्यवस्था) का आरेखन तथा उसमें प्रत्येक कण का बिन्दु द्वारा चित्रण को क्रिस्टल जालक (Crystal Lattice) कहा जाता है।
दूसरे शब्दों में, Crystall (क्रिस्टल) का स्पेस (space) में बिन्दुओं की three dimensional (त्रिविमीय) arrangement (व्यवस्था) क्रिस्टल जालक (Crystal Lattice) कहलाती है।
magnetic field
त्रिविमीय घनीय जालक का एक भाग और उसकी एकक कोष्ठिका
क्रिस्टलीय जालक को Bravais Lattices (ब्रेवे जालक) भी कहा जाता है। क्रिस्टलीय जालक का नाम फांसिसी गणितज्ञ Augute Bravais के नाम पर Bravais Lattices पड़ा, जिन्होंने सर्वप्रथम इसके बारे में बतलाया था।
Crystal Lattice का Characteristics (अभिलक्षण)
(क) Lattice का प्रत्येक बिन्दु Lattice point (जालक बिन्दु) या Lattice site (जालक स्थल) कहलाता है।
(ख) Lattice (जालक) का प्रत्येक point (बिन्दु) एक constituent particle (अवयवी कण) को निरूपित करता है। ये constituent particle एक परमाणु (Atom), अणु (Molecule) या एक आयन (ion) हो सकते हैं।
(ग) Lattice point को सीधी रेखाओं द्वारा जोड़ा जाता है जिससे कि Lattice के geometry (जालक की ज्यामिति) व्यक्त की जा सके।
एकक कोशिका (Lattice Cell)
Lattice का लघुतम भाग को Lattice cell कहा जाता है। जब Lattice cell को विभिन्न दिशाओं में पुनरावृत किया जाता है, तो पूर्ण Lattice (जालक) की उत्पत्ति होती है।