dipawali, bhastacharmokht bharat ho apna ,vighalay mein horahi pratiyoghita , I need this all niband lekhan please in hindi I want
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********* diwali
भारत एक ऐसा देश है जिसको त्योहारों की भूमि कहा जाता है। इन्हीं पर्वों में से एक खास पर्व है दीपावली जो दशहरा के 20 दिन बाद अक्तूबर या नवंबर के महीने में आता है। इसे भगवान राम के 14 साल का वनवास काटकर अपने राज्य में लौटने की खुशी में मनाया जाता है। अपनी खुशी जाहिर करने के लिये अयोध्या वासी इस दिन राज्य को रोशनी से नहला देते है साथ ही पटाखों की गूंज में सारा राज्य झूम उठता है।
दीपावली का मतलब होता है, दीपों की अवली यानी पंक्ति। इस प्रकार दीपों की पंक्तियों से सुसज्जित इस त्योहार को दीपावली कहा जाता है। दीवाली को रोशनी का उत्सव या लड़ीयों की रोशनी के रुप में भी जाना जाता है जो कि घर में लक्ष्मी के आने का संकेत है साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये मनाया जाता है। असुरों के राजा रावण को मारकर प्रभु श्रीराम ने धरती को बुराई से बचाया था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अपने घर, दुकान, और कार्यालय आदि में साफ-सफाई रखने से उस स्थान पर लक्ष्मी का प्रवेश होता है। उस दिन घरों को दियों से सजाना और पटाखे फोड़ने का भी रिवाज है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन नई चीजों को खरीदने से घर में लक्ष्मी माता आती है। इस दिन सभी लोग खास तौर से बच्चे उपहार, पटाखे, मिठाइयां और नये कपड़े बाजार से खरीदते है। शाम के समय, सभी अपने घर में लक्ष्मी आराधना करने के बाद घरों को रोशनी से सजाते है। पूजा संपन्न होने पर सभी एक दूसरे को प्रसाद और उपहार बाँटते है साथ ही ईश्वर से जीवन में खुशियों की कामना करते है। अंत में पटाखों और विभिन्न खेलों से सभी दीवाली की मस्ती में डूब जाते है।
********** Bharat ho apna
भारत दुनियां की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक हैं, जो 4,000 से अधिक वर्षों से चली आ रही है और जिसने अनेक रीति-रिवाजों और परम्पराओं का संगम देखा है। यह देश की समृद्ध संस्कृति और विरासत का परिचायक है।
राष्ट्र के इतिहास में उपनिवेशवाद से उबरते एक देश से लेकर 50 वर्षों के अंदर वैश्चिक परिदृश्य में एक अग्रणी अर्थव्यवस्था तक के विकास में उदारता की झलकें दिखाई देती है। लोगों में इन सबसे बढकर राष्ट्रीयता की भावना इस विकास के योगदान में सक्रिय रही है। राष्ट्र का यह विकसित होता रूप देश और दुनियां में प्रत्येक भारतीय के मन में राष्ट्रीय गर्व की भावना उत्पन्न करता है और यह खण्ड इसी भावना को सदैव आगे बढाने का एक विनम्र प्रयास है।
पुरस्कार के बारे में जानें
राष्ट्र के विषय में तथ्य
भारतीय राष्ट्रीय झण्डे की आचार संहिता, जिसे भारतीय झण्डे की संहिता, 2002 कहा गया है, कानूनों, प्रथाओं, परम्पराओं और अनुदेशों को एक साथ लाकर प्रत्येक संबंधित व्यक्ति को इसके लिए मार्गदर्शन देने और लाभ पहुंचाने का एक प्रयास है। भारतीय झण्डे की संहिता 2002 के बारे और अधिक जानें। भारत का राष्ट्रीय झण्डा (gif - 2 केबी) डाउनलोड करें।
भारत के राष्ट्रीय ध्वज
गीत जन - गण-मन, रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा बंगाली में मूल रूप से बना , 24 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रीय गान के रूप में संविधान सभा द्वारा इसके हिंदी संस्करण में अपनाया गयआ
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भारत पर उद्धरण
विश्व भर के इतिहासकारों, लेखकों, राजनेताओं और अन्य जानी मानी हस्तियों ने भारत की प्रशंसा की है और शेष विश्व को दिए गए योगदान की सराहना की है। जबकि ये टिप्पणियां भारत की महानता का केवल कुछ हिस्सा प्रदर्शित करती हैं, फिर भी इनसे हमें अपनी मातृभूमि पर गर्व का अनुभव होता है।
"हम सभी भारतीयों का अभिवादन करते हैं, जिन्होंने हमें गिनती करना सिखाया, जिसके बिना विज्ञान
की कोई भी खोज संभव नहीं थी
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"भारत मानव जाति का पालना है, मानवीय वाणी का जन्म स्थान है, इतिहास की जननी है और विभूतियों की दादी है और इन सब के ऊपर परम्पराओं की परदादी है।
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"दुनिया के कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां एक बार जाने के बाद वे आपके मन में बस जाते हैं और उनकी याद कभी नहीं मिटती। मेरे लिए भारत एक ऐसा ही स्थान है। जब मैंने यहां पहली बार कदम रखा तो मैं यहां की भूमि की समृद्धि, यहां की चटक हरियाली और भव्य वास्तुकला से, यहां के रंगों, खुशबुओं, स्वादों और ध्वनियों की शुद्ध, संघन तीव्रता से अपने अनुभूतियों को भर लेने की क्षमता से अभिभूत हो गई।
यह अनुभव कुछ ऐसा ही था जब मैंने दुनिया को उसके स्याह और सफेद रंग में देखा,
जब मैंने भारत के जनजीवन को देखा और पाया कि यहां सभी कुछ चमकदार बहुरंगी है
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"भारत ने शताब्दियों से एक लम्बे आरोहण के दौरान मानव जाति के एक चौथाई भाग पर अमिट छाप छोड़ी है। भारत के पास उसका स्थान मानवीयता की भावना को सांकेतिक रूप से दर्शाने और महान राष्ट्रों के बीच अपना स्थान बनाने का दावा करने का अधिकार है।
पर्शिया से चीनी समुद्र तक साइबेरिया के बर्फीलें क्षेत्रों से जावा और बोरनियो के द्वीप समूहों तक भारत में अपनी मान्यता,
अपनी कहानियां और अपनी सभ्यता का प्रचार प्रसार किया है।"
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भारत के बारे में
भारत विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है जिसमें बहुरंगी विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। इसके साथ ही यह अपने-आप को बदलते समय के साथ ढ़ालती भी आई है। आज़ादी पाने के बाद भारत ने बहुआयामी सामाजिक और आर्थिक प्रगति की है। भारत कृषि में आत्मनिर्भर बन चुका है और अब दुनिया के सबसे औद्योगीकृत देशों की श्रेणी में भी इसकी गिनती की जाती है। विश्व का सातवां बड़ा देश होने के नाते भारत शेष एशिया से अलग दिखता है जिसकी विशेषता पर्वत और समुद्र ने तय की है और ये इसे विशिष्ट भौगोलिक पहचान देते हैं। उत्तर में बृहत् पर्वत श्रृंखला हिमालय से घिरा यह कर्क रेखा से आगे संकरा होता जाता है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर तथा दक्षिण में हिन्द महासागर इसकी सीमा निर्धारित करते हैं।
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