Dipawali Par Nibandh 2oo Sabdo Mein...
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हिंदुस्तान में अनेकों त्यौहार मनाए जाते है उसी तरह दीपावली का त्यौहार अंधेरे को खतम कर रोशनी फैलाने का त्यौहार भी मनाया जाता है.
अमावस्या के दिन चारों तरफ रोशनी करने के त्यौहार है| अमावस्या की रात अंधेरी रात होती है जिसको खतम कर दीप जगमगा उठते हैं|
दीपावली एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध पर्व है| जिसे प्रत्येक वर्ष देश-विदेश के लोगों द्वारा मनाया जाता है| दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है| इस दिन भगवान श्री राम जी ने रावण का वध किया था| रावण एक राक्षस कुल का देवता था जिन्हीने सीता माता का अपहरण किया था.
भगवान राम के चौदह वर्ष भी पूरे हो गए थे और उन्हे अपने राज्य वापस आना था| भगवान राम के स्वागत के लिए अयोध्या वासियों ने पूरे उत्साह के साथ घी के दीपक जलाए थे अमावस्या की रात को रोशनी से भर देने की रात को ही दीपावली कहते है.
सिखों में कहा जाता है की सिखों के छ्टवें गुरु श्री हरगोविंद जी की रिहाई की खुशी में भी मनाया जाता है जब उनको ग्वालियर की जैल से जांहगीर द्वारा छोड़ा गया था.
दीपावली का त्यौहार कब मनाया जाता है ?
दीपावली का त्यौहार कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अमावस्या के दिन बहुत ही अँधेरी रात होती है और दिवाली के त्यौहार में गली गली दीपक जला कर रोशनी करने की प्रथा होती है.
वैसे तो इस पर्व को लेकर कई कथाये है लेकिन कहते हैं भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीये जलाये थे और राम जी लक्ष्मण जी, सीता जी का स्वागत किया था.
दीपावली के दिन बाजारों को दुल्हन की तरह शानदार तरीके से सजा दिया जाता है| इस दिन बाजारों में खास भीड़ रहती है| खासतौर से मिठाइयों की दुकानों पर, बच्चों के लिये ये दिन मानो नए कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहारों की सौगात लेकर आता है.
दिवाली का त्यौहार मनाने के लिए छोटे बच्चों में अलग ही खुशी होती है| दीवाली आने के कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ साथ अपने घरों में बिजली की लड़ियों से रोशन कर देते है.
स्कूलों में रंगोली बनवाकर, अपनी अपनी कक्षा को सजा कर और खेल खिलाकर इस पर्व को मनाया जाता है.
दीवाली के एक से दो दिन पहले ही बच्चों द्वारा स्कूलों छोटी दिवाली मनाई जाती है| स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों को पटाखों और आतिशबाजी को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते है, साथ ही पूजा की विधि और दीपावली से संबंधित रिवाज आदि भी बताते है.
दीपावली के पहले दिन को धनतेरस, दूसरे दिन को छोटी दीवाली, तीसरे को दीपावली या लक्ष्मी पूजा, चौथे को गोवर्धन पूजा, विश्वकर्मा पुजा, तथा पाँचवें को भैया दूज मनाते है| दीपावली के इन पाँचों दिनों की अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएँ है.
दीपावली अंधकार को खतम कर, बुराइयों को खतम करने का ये त्यौहार है| दीपावली का त्यौहार बच्चे बड़े एक दूसरे के प्रति स्नेह ले आता है|
यह व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूप से मनाये जाने वाला बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है.
लोगों में दिवाली की बहुत उमंग होती है| लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, नये कपड़े पहनते हैं| लोग एक दूसरे को मिठाइयां तथा उपहार देते है, एक दूसरे से मिलते है.
घरों में रंग बिरंगी रंगोलियाँ बनाई जाती है| दीपक जलाये जाते है, आतिशबाजी की जाती है, अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है.
दीपावली के दिन दीप जलाए जाने चाहिए| हो सके तो एक दीपक उनके घर में भी जलाए जाने चाहिए|
जिनके घरों में अंधेरा होता है| हो सके तो ऐसा जरूर करना की आपकी वजह से किसी आम व्यक्ति को परेशानी न हो| हो सके तो आप पटाखों की जगह दिये जलाए.
“धन्यवाद”