Hindi, asked by rakheevanip4n0o8, 1 year ago

disadvantages of crackers in HIindi

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Answered by atharvah3p1tdc4
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hey friend,

दीपावली रोशनी और उल्लास का पर्व है, शोर और धुएं का नहीं। त्योहार मनाइए, पर अपनी सेहत, सुरक्षा और दूसरों को अनदेखा करके नहीं। बता रही हैं वंदना

पौराणिक गाथाओं से लेकर भारतीय संस्कृति में दीपों के त्योहार दीपावली को सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्रीराम वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे। श्रीराम के आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने खुशियां मनाई थीं। इस दिन रोशनी से पूरा जग चमक उठा था। लेकिन आज के दौर में दीपावली का मतलब बम-पटाखों के अलावा कुछ नहीं रहा। लोग खुशियों का इजहार बम-पटाखे फोड़कर करते हैं। दीपावली खुशियों का पर्व है, दीयों को जगमग करने का त्योहार है और सभी कड़वाहटों को मिटाकर अपनों के गले मिलने, बड़ों से आशीष लेने का दिन है। इसे पटाखों के शोर में गुम न होने दें।

मिठाइयां बनाएं और बांटें 
जरूरी नहीं है पटाखे जलाकर ही दीपावली मनाई जाए। देश में ही नहीं, विदेश में भी रहने वाले कई भारतीय भी अलग तरीके से दीपावली मनाना पसंद करते हैं। कई लोग घर में मिठाइयां बनाते हैं, अच्छे पकवान बनाते हैं और पड़ोसियों और अपने नाते-रिश्तेदारों को घर पर बुलाकर जश्न मनाते हैं। 

गीत और संगीत का आयोजन करें 
भारतीय संस्कृति में वैसे भी खुशी मनाने का यह सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। इस दीपावली आप भी कुछ ऐसा ही करें। दोस्तों और रिश्तेदारों को बुलाएं, उनके साथ अंताक्षरी खेलें। कहते हैं दीपावली और दशहरे पर बुराई का अंत हुआ था। इसलिए अपनी सारी बुरी आदतों को आप भी हमेशा के लिए नमस्कार कर दें। इस दीपावली अच्छी आदतों को अपनाएं और लोगों से दोस्ती बढ़ाएं।

घर के आसपास की सफाई करें  
दीपावली से पहले अपने घर के साथ-साथ आस-पड़ोस में गंदगी को भी साफ करें। आसपास सफाई रहेगी तो माहौल खुशियों से भरा होगा। उस दिन घर के आसपास या बाग-बगीचों में एक पौधा लगाएं, जो आगे जाकर वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा और आसपास के वातावरण को भी स्वच्छ रखेगा।

यदि दिल न माने, तो जरा संभलकर जलाएं पटाखे
इतना सब कुछ जानने के बावजूद यदि आप अपने दिल को पटाखे न जलाने के लिए नहीं मना पा रही हैं तो कुछ खास बातों का ध्यान रखें, ताकि दुर्घटना की आशंका को कम किया जा सके और कम से कम प्रदूषण और शोर हो। 

पटाखे हमेशा खुली जगह पर ही छोड़ें और ध्यान रखें कि आस-पास पेट्रोल, डीजल, केरोसिन या गैस सिलिंडर जैसे ज्वलनशील पदार्थ न रखे हों। साथ ही पास में पानी से भरी एक बाल्टी जरूर रखें।

आजकल मार्केट में कम कीमत और नकली पटाखों की कोई कमी नहीं है। पर इनसे दुर्घटना की आशंका बढ़ती है, इसलिए अच्छे ब्रांड वाले पटाखे ही खरीदें।

बच्चों के लिए पटाखे खरीदते वक्त उनकी उम्र का भी ध्यान रखें। उनको ऐसे पटाखे बिल्कुल ना दिलवाएं जो उनकी उम्र के अनुकूल न हों। पटाखे छुड़ाते समय बच्चों के साथ रहें और उन्हें पटाखे जलाने का सुरक्षित तरीका बताएं।

हमेशा पटाखों को लंबी लकड़ी या मोमबत्ती के इस्तेमाल से जलाएं। माचिस का प्रयोग बिल्कुल न करें। पटाखों को दूर से जलाएं, चेहरा बचाकर आग लगाएं।

कई लोग एक साथ दो—तीन पटाखे एक साथ जलाते हैं। ऐसी स्थिति में आपका ध्यान बंट सकता है, इसलिए हमेशा एक बार में एक ही पटाखा जलाएं।

अगर कोई पटाखा आग लगाने के बावजूद भी ना चले, तो उसको दोबारा जलाने की कोशिश न करें। उसे हाथ से न उठाएं और बेहतर होगा कि उसे पानी डाल कर बुझा दें।

दीयों को जलाते वक्त और पटाखे छोड़ते समय नायलॉन और सिंथेटिक कपड़ों के बजाय सूती कपड़े पहनें। पटाखे छोड़ते वक्त जूते जरूर पहनें।

hope it helps ✌
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