Discription of gram Shree poem
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कविता में गंगा किनारे के एक खेत का मनोहारी चित्रण किया गया है । कविता का सार इस प्रकार है :
खेतो में दूर दूर तक हरियाली फैली हुई है । सूर्य की किरणे छाई हुई है । तिनको में हरियाली की चमक है । धरती पर नीला आकाश झुका हुआ है । सारी धरती रोमांचित है । जौ और गेहूं में बालियाँ आई हुई है । अरहर और सन की सुंदर किंकनिया उग आई है ।
चारो और पिली सर्सो है । हवा में तैलीय गंध छा गयी है ।
रंग बिरंगे फूलो के बिच मटर की फसल खिली हुई है । उन पर विविध रंगो की तितलियाँ मंडरा रही है । आम के पेड़ो की डालियों पर सुनहरी मंजरियाँ आ गयी है ।
हरियाली मानो हँसमुख सी मनोरम सी है । सर्दी की धूप सुहानी है । वहाँ की कोमल शान्ति अपनी शोभा से जन मन को हर लेती है ।
★ AhseFurieux ★
खेतो में दूर दूर तक हरियाली फैली हुई है । सूर्य की किरणे छाई हुई है । तिनको में हरियाली की चमक है । धरती पर नीला आकाश झुका हुआ है । सारी धरती रोमांचित है । जौ और गेहूं में बालियाँ आई हुई है । अरहर और सन की सुंदर किंकनिया उग आई है ।
चारो और पिली सर्सो है । हवा में तैलीय गंध छा गयी है ।
रंग बिरंगे फूलो के बिच मटर की फसल खिली हुई है । उन पर विविध रंगो की तितलियाँ मंडरा रही है । आम के पेड़ो की डालियों पर सुनहरी मंजरियाँ आ गयी है ।
हरियाली मानो हँसमुख सी मनोरम सी है । सर्दी की धूप सुहानी है । वहाँ की कोमल शान्ति अपनी शोभा से जन मन को हर लेती है ।
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