Discuss the mystery of the end of the Harappan civilization.
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Explanation:
१७०० ई० पू० के लगभग सिन्धु घाटी की सभ्यता के पतन के लक्षण स्पष्ट दिखाई देने लगे थे। इस समय तक सिन्धु घटी सभ्यता के दो प्रमुख केन्द्र हड्प्पा एवम मोहनजोदडो नष्ट हो चुके थे। इस सभ्यता का अन्त कब और कैसे हुआ इस सम्बन्ध में अब भी मतभेद बना हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण हडप्पा सभ्यता की लिपि का विद्वानों द्वारा सही से ना समझा जाना है।
फिर भी इसके पतन के बारे में कल्पना की जा सकती है, क्योंकि जहाँ इतिहास असफल हो जाता है, वहाँ हम कल्पना का आश्रय लेते हैं। अधिकांश विद्वानो के मतानुसार इस सभ्यता का अंत बाढ़ के प्रकोप से हुआ, चूँकि सिंधु घाटी सभ्यता नदियों के किनारे-किनारे विकसित हूई, इसलिए बाढ़ आना स्वाभाविक था, अतः यह तर्क सर्वमान्य हैं। परंतु कुछ विद्वान मानते है कि केवल बाढ़ के कारण इतनी विशाल सभ्यता समाप्त नहीं हो सकती। इसलिए बाढ़ के अलावा भिन्न-भिन्न कारणों का समर्थन भिन्न-भिन्न विद्वान करते हैं जैसे - आग लग जाना, महामारी, बाहरी आक्रमण आदि।
फिर भी तर्कसंगत लगता है कि पहले तो यहाँ बाढ़ का प्रकोप हुआ, जिसमें भारी जन-धन की हानि हुई होगी, तदोपरान्त मृतको के शवों के सड़ने व अन्य कारणों से महामारी फैली गई तथा खाद्य सामग्री का अभाव हो गया जिससे बचे हुए अधिकांश लोग भी मर गये तथा कुछ लोग सुदूर स्थानों पर चले गये।
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