Diwali essay in hindi 100 words
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(निबंध)
दीवाली
दिवाली भारत का प्रमुख त्यौहार है। यह हिंदुओं का सबसे बड़ा एवं प्रमुख त्योहार है। दीपावली को रोशनी के त्यौहार के रूप में जाना जाता है क्योंकि इस दिन दीपों की माला से सारे वातावरण को रोशन किया जाता है। दीपावली उमंग और उत्साह का पर्व है। ये पर्व अपने जीवन से अंधेरे को दूर करके उजाला करने का प्रतीक है। ये त्योहार प्रतीक है उस भावना कि हमें अपने जीवन को सदैव रोशनी से प्रकाशित करते रहना है।
दीपावली के त्यौहार को मनाने के पीछे की मान्यता को जाने तो यह त्योहार भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के पश्चात अयोध्या वापस लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे थे और अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में पूरे नगर को दीपों से जलाकर प्रकाशित किया था। तब से दीपावली का त्यौहार मनाने की परंपरा चल पड़ी।
दीवाली का त्यौहार यह मुख्यतः पांच दिवसीय त्यौहार है जो धनतेरस से शुरू होकर, छोटी दीपावली अर्थात नरक चतुर्दशी, बड़ी दीपावली अर्थात लक्ष्मी-गणेश पूजन फिर गोवर्धन पूजा और भाई दूज तक संपन्न होता है।
दीपावली के दिन लोग अपने घरों को दीपों से जलाकर प्रकाशित करते हैं। दीपावली से पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई करके रंगाई-पुताई द्वारा नया व आकर्षक बनाते है। रंग-बिरंगे बल्बों, लड़ियों, कंदील से सजाते हैं। दरवाजे पर तोरण सजाये जाते हैं व रंगोली बनाई जाती है।
दीपावली के पांच दिवसीय त्यौहार के पहले दिन धनतेरस को सोने-चांदी और नए बर्तनों की खरीदारी करते हैं, जो कि एक शगुन माना जाता है। अगले दिन नरक चतुर्दशी को भी दीप जलाए जाते हैं, खील-बताशों से छोटी पूजा संपन्न की जाती है। उसके पश्चात मुख्य दीपावली के दिन शाम को लक्ष्मी-गणेश पूजन किया जाता है। घर में नए-नए पकवान बनाए जाते हैं, नए कपड़े पहने जाते हैं और रात में थोड़ी बहुत आतिशबाजी भी की जाती है। लोग एक-दूसरे के घरों में मिठाइयां भिजवाते हैं। चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है तथा पांचवें दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भाई-दूज मनाया जाता है। इस तरह दीपावली का त्यौहार संपन्न होता है।
व्यापारी लोग दीपावली के दिन से ही अपने व्यापार के नए बही-खातों का शुभारंभ करते हैं। नौकरी पेशा लोगों को इस दिन अपने कार्यास्थल से बोनस व उपहार मिलते हैं।
दीपावली अमीरों गरीबों सभी का त्योहार है और समाज के सभी वर्ग के लोग इसे समान रूप से प्रेम और उल्लास के साथ मनाते हैं। दीपावली सबके जीवन में खुशियों के रंग बिखरने का त्यौहार है। यह रोशनी का पर्व है और हम लोगों को यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में बुराई रूपी अंधकार को दूर करके अच्छाई रूपी रोशनी को लाना है।