Diwali ke Samay patakhon ko jalane Se Hone Wali haniyan ko 80 se 100 shabdon Mein likhiye. Please write in Hindi...
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हमारे देश में प्रत्येक वर्ष दिवाली के त्योहार के दौरान लाखों के तादाद में पटाखे फोड़े जाते हैं। इस त्योहार पर पटाखे फोड़ना लगभग एक रिवाज सा बन गया है। इस दौरान बाजार विभिन्न प्रकार के पटाखों से भरे पड़े होते हैं और लोग इनकी खरीददारी कुछ दिन पहले से ही शुरु कर देते हैं।
इस दौरान बच्चों में पटाखों को जलाने को लेकर सबसे ज्यादा उत्साह देखा जाता है। हालांकि कई बार बच्चों के साथ बड़े भी पटाखे जलाने के इन गतिविधियों में हिस्सा ले लेते हैं और इस बात पर जरा भी विचार नही करते कि हमारे इन कार्यों द्वारा पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर कितना बढ़ जाता है। यहीं कारण है कि दिवाली के दौरान हमारे देश में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा बढ़ जाता है, जिससे कि कई स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां भी उत्पन्न हो जाती हैं।
जो लोग अस्थमा तथा अन्य फेफड़े संबधित बीमारियों से ग्रसित होते हैं। उनके लिए दिवाली का समय और भी ज्यादा कष्टदायक हो जाता हैं, क्योंकि इस दौरान उनकी समस्याएं और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं तथा उनके लिए सांस लेना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। पटाखे जलाने के कारण ध्वनि प्रदूषण की समस्या भी उत्पन्न होती है। जिससे की बुजुर्ग और छोटे बच्चे मुख्य रुप से प्रभावित होते हैं। इसके साथ ही पटाखों की तेज आवाज के कारण जानवर भी काफी डर जाते हैं और इधर-उधर छुप जाते हैं।
हम सब को याद रखना चाहिए कि दिवाली प्रकाश का पर्व है नाकि पटाखे जलाने का, हमें पटाखों को जलाने से सदैव दूर रहना चाहिए और दिवाली के त्योंहार को और भी अच्छे तरीके से प्रकृति के अनुकूल रुप से मनाने का प्रयास करना चाहिए।