Diwan-i-insha was the department of
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दीवान-ए-इंशा, भारत के इतिहास में सल्तनत काल के, ‘दबीर[1] -ए-मुमालिक’ विभाग के अन्तर्गत था। शाही पत्र व्यवहार के लिए कार्य का भार इस विभाग द्वारा होता था।
यह सुल्तान की घोषणाओं एवं पत्रों का मसविदा तैयार करता था। सभी राजकीय अभिलेख इसी कार्यालय में सुरक्षित रखे जाते थे। दबीर एवं लेखक इसके सहयोगी होते थे। फ़िरोज़शाह तुग़लक़ के समय में इसका स्तर मंत्री का नहीं रह गया। मिनहाज-उस-सिराज इस विभाग को “दीवान-ए-अशरफ़” कहकर संबोधित करता था। इस विभाग का कार्य अत्यन्त गोपनीय होता था।
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