diye gaye sanket binduo ke adhar par nimnlikhit bisay par 80- 100 sabdo mein anuched likhiye- ●sbain flu : ek sankramak rog
》rog ke virus ka faylna
》sbain flu ke lakshan
》sbain flu se bachab ke upay
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In hindi
тнє ιℓℓиєѕѕ
प्रदूषण से होने वाली बीमारियां
प्रदूषण गंभीर मुद्दा बन गया है। और इस कारण हर किसी को अनेक
बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण मतलब गंदगी। प्रदूषण कई प्रकार के
होते हैं जैसे वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण तथा भू-प्रदूषण, ध्वनि-प्रदूषण इत्यादि।
फैक्टरियों से निकलने वाला कचरा तथा अन्य गतिविधियों से
उत्पन्न हुए अनेक प्रकार के प्रदूषक, मिट्टी, पानी, हवा/वायु को दूषित करते हैं
और इससे मनुष्य प्राणी और जानवरों को कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
शहरों में बढ़ते वाहनों के प्रदूषण से शहरों में वातावरण
और ताजी हवा प्रदूषित होती है, जो सांस लेने के लिए हानिकारक है। प्रदूषित
वायु में साँस लेने से मनुष्य को फेफड़ों और श्वास-संबंधी अनेक रोगों का सामना करना
पड़ रहा हैं। बड़े-बड़े सीवरेज सिस्टम से गंदा पानी निकलकर नदियों,
झरनों तथा महासागरों में मिलता है और यह प्रदूषित जल पीने से पेट
संबंधी रोग जैसे कालरा, आंत्र ज्वर, पीलिया फैलते हैं। ध्वनि
प्रदूषण सो मानसिक तनाव उत्पन्न होता है। इससे अशांति, बहरापन, चिंता इत्यादि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
प्रदूषण फैलने का मुख्य कारण कोई और नहीं, खुद मनुष्य ही
है। वह खुद स्वयं में के लिए तथा पृथ्वी के अन्य जीवों के लिए प्रदूषण रुपी गड्ढा
खोद रहा है। प्रदूषण एक राक्षस की तरह काम कर रहा है, और यह मनुष्य में कैंसर, उच्च रक्तचाप (हाई बी.
पी.), सांस की बीमारी, महामारी, गुर्दा रोग, त्वचा रोग आदी का मुख्य कारण
है। और इन्हें रोकना सिर्फ मनुष्य के हाथों में हैं।
тнє ιℓℓиєѕѕ
प्रदूषण से होने वाली बीमारियां
प्रदूषण गंभीर मुद्दा बन गया है। और इस कारण हर किसी को अनेक
बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण मतलब गंदगी। प्रदूषण कई प्रकार के
होते हैं जैसे वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण तथा भू-प्रदूषण, ध्वनि-प्रदूषण इत्यादि।
फैक्टरियों से निकलने वाला कचरा तथा अन्य गतिविधियों से
उत्पन्न हुए अनेक प्रकार के प्रदूषक, मिट्टी, पानी, हवा/वायु को दूषित करते हैं
और इससे मनुष्य प्राणी और जानवरों को कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
शहरों में बढ़ते वाहनों के प्रदूषण से शहरों में वातावरण
और ताजी हवा प्रदूषित होती है, जो सांस लेने के लिए हानिकारक है। प्रदूषित
वायु में साँस लेने से मनुष्य को फेफड़ों और श्वास-संबंधी अनेक रोगों का सामना करना
पड़ रहा हैं। बड़े-बड़े सीवरेज सिस्टम से गंदा पानी निकलकर नदियों,
झरनों तथा महासागरों में मिलता है और यह प्रदूषित जल पीने से पेट
संबंधी रोग जैसे कालरा, आंत्र ज्वर, पीलिया फैलते हैं। ध्वनि
प्रदूषण सो मानसिक तनाव उत्पन्न होता है। इससे अशांति, बहरापन, चिंता इत्यादि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
प्रदूषण फैलने का मुख्य कारण कोई और नहीं, खुद मनुष्य ही
है। वह खुद स्वयं में के लिए तथा पृथ्वी के अन्य जीवों के लिए प्रदूषण रुपी गड्ढा
खोद रहा है। प्रदूषण एक राक्षस की तरह काम कर रहा है, और यह मनुष्य में कैंसर, उच्च रक्तचाप (हाई बी.
पी.), सांस की बीमारी, महामारी, गुर्दा रोग, त्वचा रोग आदी का मुख्य कारण
है। और इन्हें रोकना सिर्फ मनुष्य के हाथों में हैं।
sanket1185:
i have asked for swine flu topic not polution
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