Diye gaye vakya mein padbandh bataye- Subah ki sair svasthya ke liye hitkaar hoti hain. Underlined- Subah ki sair.
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शब्द और अर्थ का बड़ा ही घनिष्ठ संबंध। जिन शब्दों के अर्थ न हो उसे शब्द की श्रेणी में रखा ही नहीं जा सकता है, जैसे- नीपा ये शब्द भी चार वर्णों न्+ई+प्+आ के संयोग से बना है परंतु इसका कोई अर्थ नहीं अर्थात् इसे सार्थक शब्द नहीं कहा जाएगा।
शब्द के अर्थ का बोध
शब्द के अर्थ का बोध हमें दो प्रकार से होता है पहला आत्म-अनुभव और दूसरा पर-अनुभव से।
आत्म-अनुभव – जब हम स्वयं किसी चीज़ का अनुभव करते हैं जैसे – ‘चीनी मीठी होती है’ में मीठी शब्द के अर्थ का बोध हमें स्वयं चीनी चखने से हो जाता है। ठीक इसी प्रकार पानी, गर्मी, धूप इत्यादि
Answer:शब्द और अर्थ का बड़ा ही घनिष्ठ संबंध। जिन शब्दों के अर्थ न हो उसे शब्द की श्रेणी में रखा ही नहीं जा सकता है, जैसे- नीपा ये शब्द भी चार वर्णों न्+ई+प्+आ के संयोग से बना है परंतु इसका कोई अर्थ नहीं अर्थात् इसे सार्थक शब्द नहीं कहा जाएगा।
शब्द के अर्थ का बोध
शब्द के अर्थ का बोध हमें दो प्रकार से होता है पहला आत्म-अनुभव और दूसरा पर-अनुभव से।
आत्म-अनुभव – जब हम स्वयं किसी चीज़ का अनुभव करते हैं जैसे – ‘चीनी मीठी होती है’ में मीठी शब्द के अर्थ का बोध हमें स्वयं चीनी चखने से हो जाता है। ठीक इसी प्रकार पानी, गर्मी, धूप इत्यादि