Do bailon Ki Katha lekhak Ne Japan ki misaal dekar kya spasht kiya hai
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“दो बैलों की कथा” में लेखक ने जापान की मिसाल देकर क्या स्पष्ट किया है?
”दो बैलों की कथा” में लेखक ‘मुंशी प्रेमचंद’ ने जापान की मिसला देकर ये स्पष्ट करने की कोशिश की है कि जीवन में हर घड़ी कभी भी कमजोर नही पड़ना चाहिये और ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिये।
जब लेखक ने ये कथा लिखी थी और समय भारत में आजादी का संघर्ष चल रहा था। विश्व में अनेक जगहों पर भारतीयों की दुर्दशा होती थी। इसका कारण लेखक ने भारतीयों के सीधे व सरल स्वभाव को बताया है। लेखक के अनुसार आज सीधा बनकर रहने का समय नही है, बल्कि ईंट का जवाब पत्थर से देने का समय है।
जापान का उदाहरण देकर लेखक ने स्पष्ट करना चाहा है कि जापान उस समय द्वितीय विश्वयुद्ध के दौर में झुका नही और उसने डटकर मुकाबला किया इस कारण उसकी उस समय विश्व में धाक जम गयी थी।
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