Do sipahyon ke beech ka samvad
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१-- आतंक न जाने कब खत्म होगा।
२-- कभी भी नहीं।
१-- क्यों?
२--क्योंकि देश में जब तक अशांति होगी तब तक आतंक रहेगा हमले होंगे और हम सैनिक भाई मातृभूमि की रक्षा के लिए हमेशा शहीद होते रहेंगे।
१-- शहीद होने से डर नहीं लगता बस अपने बाद अपने परिवार का क्या हाल होगा यही सोचता हूं।
२-- जो होगा अच्छा वह सब गर्व हमेशा से करते आए हैं और आजीवन करेंगे।
१-- चलो बार्डर पर रखवाली करने।
२-- कभी भी नहीं।
१-- क्यों?
२--क्योंकि देश में जब तक अशांति होगी तब तक आतंक रहेगा हमले होंगे और हम सैनिक भाई मातृभूमि की रक्षा के लिए हमेशा शहीद होते रहेंगे।
१-- शहीद होने से डर नहीं लगता बस अपने बाद अपने परिवार का क्या हाल होगा यही सोचता हूं।
२-- जो होगा अच्छा वह सब गर्व हमेशा से करते आए हैं और आजीवन करेंगे।
१-- चलो बार्डर पर रखवाली करने।
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Explanation:
बढ़ते अपराधो पर दो मित्रों के बीच संवाद
राहुलः आज आपने समाचार पत्र पढ़ा था? हमारे मौहल्ले में रात में कुछ दुकानों के ताले तोड़कर चोर सामान लेकर चले गए।
सौरवः हाँ, ऐसा कुछ दिन पहले भी पास के मोहल्ले में हुआ था। अब तो ये रोज रोज की बात हो गई हैं।
राहुलः सही हैं। महिलाओं के गहने झपट लेना और रात में दुकानों के ताले तोड़ देना तो जैसे आम बात हो गई हैं। पुलिस क्या कर रही हैं।
सौरवः पुलिस कोशिश तो कर रही हैं किन्तु अपराधी बड़े शातिर हैं। लगता हैं कि ये कोई प्रशिक्षित गिरोह हैं। जो बड़े पेशेवर तरीके से काम रहा है।
राहुलः सही कह रहे हो। लोगो को भी सतर्क रहना चाहिए। सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए। पुलिस को भी गश्त बढानी चाहिए।
सौरवः सही है। पुलिस को भी सादा कपड़ों में घूम-घूम कर पता करना चाहिए।
राहुलः बस आ गई। चलो चलते हैं।
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