Hindi, asked by yugbaliyan81, 4 hours ago

Dohe ka arth hindi main btao.​

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Answered by itzmysticalgirl1
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कबीरदास ने उपर्युक्त दोहे में गुरू का महत्व समझाया है।

कबीरदास कहते है कि मोह - माया रूपी घर को जला कर अर्थात त्याग कर ज्ञान को प्राप्त करने की बात करते हैं। उन्होंने कहा है कि संसारिकता के मोह माया के घर को अपने हाथों से ज्ञान की लकड़ी से जला दिया है। अब जो भी मेरे साथ चलना चाहे मैं उसका भी घर (विषय वासना, मोह माया का घर ) जला दूँगा। सद्गुरु ही ज्ञान प्राप्त कराकर ईश्वर तक पहुँचाता है।

अर्थ :–

  1. जाल्या - जलाया
  2. आपणाँ - अपना
  3. मुराड़ा - जलती हुई लकड़ी, ज्ञान
  4. हाथि - हाथ (अपने हाथों से अपना घर जलाया है )
  5. जालौं - जलाऊँ
  6. तास का – उसका
Answered by juitalwarkar
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Answer:

कबीर साहेब की वाणी है उनका कहना है की उन्होंने अपने अंधकार रूपी घर/विषय विकार और अहम् रूपी घर / संसारिकता के मोह माया के घर को अपने हाथों से ज्ञान की लकड़ी (मुराड़ा ) से जला दिया है। अब जो भी मेरे साथ चलना चाहे में उसका भी घर (विषय वासना, मोह माया का घर ) जला दूंगा।

भाव है की ईश्वर की साधना में जो सबसे बड़े बाधक हैं -विषय विकार, मोह माया, इन्हे जब तक समाप्त नहीं किया जाता है, तब तक कोई भी ईश्वर की पहचान नहीं कर सकता है। यह सद्गुरु ही होता है जो इनको ज्ञान की अग्नि से समाप्त कर देता है। जिसे भी ज्ञान की प्राप्ति करनी है उसे इनके घर को जलाना ही होगा।

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