Dohra nishechan aur trisanlayan kya hai
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पुष्पी पादप में संलयन क्रिया में तीन केंद्रक होते है एक युग्मक तथा दो ध्रुविय केन्द्रक । अत: प्रत्येक भ्रूणकोष में दो संलयन, युग्मक – संलयन तथा त्रिसंलयन होने की क्रिया विधि को दोहरा निषेचन कहते है।
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