dolan aur vartul Gati mein kya Antar hai
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ये अपनी केन्द्रीय स्थिति (विराम की स्थिति) के इर्द-गिर्द घूमती हैं। इस तरह की गति को दोलन गति कहते हैं। ऐसी गति में कोई वस्तु एक बिन्दु, जिसे विराम की स्थिति या संतुलन स्थिति कहते हैं, के आगे-पीछे घूमती है। झूले और दीवार घड़ी के पेंडुलम भी दोलन गति करते हैं।
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दोलन गति (oscillatory motion)वो गति है जो अपनी केन्द्रीय स्थिति के इर्द-गिर्द घूमती हैं जो किसी केन्द्रीय मानक स्थिति से बदलकर किसी दिशा में जाता है लेकिन सदैव लौटकर केन्द्रीय स्थिति में आता रहता है। ये । इस तरह की गति को दोलन गति कहते हैं।अक्सर केन्द्रीय स्थिति से हटकर दो या दो से अधिक ध्रुवीय स्थितियाँ होती हैं और दोलती हुई वस्तु या माप इन ध्रुवों के बीच घूमता रहता है लेकिन किन्ही दो ध्रुवों के बीच की दूरी तय करते हुए केन्द्रीय स्थिति से अवश्य गुज़रता है।
जो गति किसी वृत्ताकार पथ में होता है उसे वर्तुल गति(round motion) कहते है। सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की गति , वृत्ताकार पथ पर खिलौना ट्रेन की गति आदि वर्तुल गति के उदाहरण है। जब पिंड वृत्ताकार पथ पर एकसमान चाल से चलता है तो इसे एकसमान वृत्तीय गति कहते है।
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