dook ki adhikar writter
Answers
Answered by
2
बाज़ार में, फ़ुटपाथ पर कुछ खरबूजे डलिया में और कुछ ज़मीन पर बिक्री के लिए रखे जान पड़ते थे. खरबूजों के समीप एक अधेड़ उम्र की औरत बैठी रो रही थी. खरबूजे बिक्री के लिए थे, परंतु उन्हें ख़रीदने के लिए कोई कैसे बढ़ता? खरबूजों को बेचनेवाली तो कपड़े से मुंह छिपाए सिर को घुटनों पर रखे फफक-फफककर रो रही थी.
पड़ोस की दुकानों के तख़्तों पर बैठे या बाज़ार में खड़े लोग घृणा से उसी स्त्री के संबंध में बात कर रहे थे. उस स्त्री का रोना देखकर मन में एक व्यथा-सी उठी, पर उसके रोने का कारण जानने का उपाय क्या था? फ़ुटपाथ पर उसके समीप बैठ सकने में मेरी पोशाक ही व्यवधान बन खड़ी हो गई
Similar questions