Doordarshan ka prabhav ka hindi me nibandh ka 250 words ka
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दूरदर्शन आधुनिक वैज्ञानिक युग का महत्वपूर्ण आविष्कार हैं. यह एक ऐसा यंत्र हैं जिसकी सहायता से व्यक्ति दूर की वस्तु एवं व्यक्ति को देख व सुन सकता हैं. इस यंत्र की सहायता से कानों और आँखों दोनों की तृप्ति होती हैं. दूरदर्शन का आविष्कार सन 1926 में इंग्लैंड के जॉन एल बेयर्ड ने किया था. दूरदर्शन मनोरंजन के साथ साथ शिक्षा देने, जानकारी बढ़ाने, प्रसार और प्रचार का भी महत्वपूर्ण एवं सशक्त माध्यम हैं.
आरम्भ में दूरदर्शन काफी महंगा था, इसीलिए यह प्रत्येक व्यक्ति को तो क्या प्रत्येक देश तक सुलभ नही था. धीरे धीरे इसका प्रचलन और प्रसारण इस सीमा तक बढ़ा कि आज दूरदर्शन सर्वत्र देखा और सुना जा सकता हैं. अब यह राजभवन से लेकर झोपडी तक पहुच चूका हैं. पहले तो दूरदर्शन श्याम श्वेत स्वरूप में ही प्राप्त था परन्तु अब तो रंगीन दूरदर्शन सारे संसार में उपलब्ध हैं.
इसके द्वारा देश विदेश में होने वाले खेलों को हम घर बैठे देख सकते हैं. और उनका भरपूर आनन्द उठा सकते हैं. इसके अतिरिक्त देश विदेश में घटित घटनाओं को सीधे आँखों से देख सकते हैं. आजकल दूरदर्शन के माध्यम से कक्षा में पाठ भी पढाया जाता हैं. जिसे बच्चे भली भांति समझ लेते हैं.
आजकल दूरदर्शन को भू उपग्रह से जोड़ दिया गया हैं ताकि ग्रामवासी इसका भरपूर लाभ उठा सके. आज के व्यस्त जीवन में यह मनोविनोद का बढ़िया और सस्ता साधन हैं. इसके द्वारा नाटक हास्य व्यंग्य संगीत कवि सम्मेलन चलचित्र तथा अनेक प्रकार के सीरियल देखकर हम अपना मनोरंजन कर सकते हैं. इसके माध्यम से कृषि सम्बन्धी कार्यक्रम दिखाकर कृषि कार्यों की अधिकाधिक जानकारी दी जा रही हैं.
इस तरह से दूरदर्शन कृषि के विकास में किसानो की सहायता कर रहा हैं. विज्ञापनों को देकर व्यापारी वर्ग व विभिन्न वस्तुओं के निर्माता अपनी वस्तुओं की बिक्री बढ़ा सकते हैं. दूरदर्शन अंतरिक्ष विज्ञान की भी कई तरह से सहायता कर रहा हैं. सुदूर ग्रहों की जानकारी इसके कैमरे सरलता से कर लेते हैं. विज्ञान के नित्य नयें नयें आविष्कारों ने इसे अत्यधिक लोकप्रिय बना दिया हैं. केबल टीवी स्टार टीवी वी सी आर कंप्यूटर खेल आदि ने दूरदर्शन को नया रूप दे दिया हैं.
दूरदर्शन में कुछ कमियां भी दृष्टिगत होती हैं. इसके प्रकाश से तथा इसे अनवरत देखने से आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं. यहाँ तक आँखे भी खराब हो जाती हैं. इसके द्वारा कुछ ऐसे कार्यक्रम देखने को मिलते हैं. जिनसे बच्चों के मानस पटल पर विपरीत प्रभाव पड़ता हैं. इससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती हैं.