drad ka pad Parichay batao
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सबसे पहले आपको संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण , क्रिया ,क्रिया-विशेषण , अवधारक (निपात) , संबंधबोधक , समुच्चयबोधक , विस्मयादिबोधक आदि के बारे में जानकारी होनी चाहिए। उसके बारे में विस्तृत जानकारी के लिए ऊपर दिए गए कोष्ठक में पद पर click करे। उसके बारे में संक्षिप्त जानकारी नीचे दी गई है।
अगर रेखांकित शब्द किसी व्यक्ति,वस्तु,प्राणी,पक्षी,भाव,जाति आदि के बारे में बताता है तो वह शब्द संज्ञा है।
अगर रेखांकित शब्द किसी संज्ञा के स्थान पर शब्द का प्रयोग जैसे मेरा,मै ,तुम ,आपका,उस,वह आदि शब्द है तो वह शब्द सर्वनाम है।
अगर रेखांकित शब्द किसी वस्तु ,स्थान ,पशु, पक्षी आदि की विशेषता बताता है मतलब वह कैसा है-लंबा है ,सुंदर है , डरावना है आदि तो वह शब्द विशेषण है।
अगर रेखांकित शब्द वाक्य में जो क्रिया है उसकी विशेषता बताता है तो वह क्रिया विशेषण है। जैसे कि – क्रिया कब हो रही है (कल , अभी ,दिनभर ) ,क्रिया कैसे हो रही है (चुपचाप,अवश्य,तेजी से ) , क्रिया कहाँ हो रही है (अंदर,ऊपर,आसपास ) , क्रिया कितनी मात्रा में हो रही है (कम ,पर्याप्त ,ज्यादा )
अगर रेखांकित शब्द किसी दो या अधिक संज्ञा और सर्वनाम के बीच का संबंध दर्शाता है तो वह संबंधबोधक अव्यय है। जैसे :- के पास , के ऊपर , से दूर , के कारण , के लिए , की ओर
अगर रेखांकित शब्द किसी दो वाक्यों के बीच का संबंध दर्शाता है तो वह समुच्चयबोधक अव्यय है।
जैसे – और , अतएव , इसलिए , लेकिन
अगर रेखांकित शब्द किसी विस्मय , हर्ष , घृणा , दुःख , पीड़ा आदि भावो को प्रकट करते है तो वह विस्मयादिबोधक अव्यय है। जैसे – अरे ! , वाह ! , अच्छा ! आदि।
अगर रेखांकित शब्द किसी बात पर ज्यादा भार दर्शाता है तो वह निपात है। जैसे :- भी , तो , तक , केवल , ही