dushyant kumar gazal kaise kaise manjar aane lage hain summary
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कैसे मंजर सामने आने लगे हैं, गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं...
दुष्यंत कुमार एक ऐसे कवि थे, जिन्होंने अपनी रचनाओं, ग़ज़लों को सरल हिंदी में कलमबद्ध किया. जो परिवर्तन की चाह रखता है, वो दुष्यंत की कविताओं को ज़रूर याद करता है. आज इस महान रचनाकार की जयंती है. पेश हैं उनकी चंद पंक्तियां.
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