Duty towards nation -pay your taxes
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As a loyal citizen of any country, it is your responsibility to "abide by the laws" as set by the government authorities. This includes paying the taxes, as part of observing the laws of the country. Paying taxes is part of our responsibilities as citizens as it is "one way of developing" the country.
PLEASE MARK AS BRAINLIEST.
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Explanation:
देश के प्रति मेरा कर्त्तव्य पर निबंध
देश के किसी भी व्यक्ति के कर्तव्यों का आशय उसके/उसकी सभी आयु वर्ग के लिये उन जिम्मेदारियों से हैं जो वो अपने देश के प्रति रखते हैं। देश के लिये अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की याद दिलाने के लिये कोई विशेष समय नहीं होता, हांलाकि ये प्रत्येक भारतीय नागरिक का जन्मसिद्ध अधिकार हैं कि वो देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझे और आवश्यकता के अनुसार उनका निर्वाह या निष्पादन अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करें। भारत के प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2016 के गणतंत्र दिवस के अवसर पर इस विषय पर स्कूलों, कॉलेजों, और अन्य स्थानों पर चर्चा करने के लिये कहा हैं।
हम यहाँ छात्रों की मदद करने के लिये अपने देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंधों की विभिन्न श्रृंखला उपलब्ध करा रहे हैं। ‘अपने देश के प्रति मेरे सभी कर्त्तव्य निबंध’, निबंध सरल हिन्दी वाक्यों का प्रयोग करके विद्यार्थियों के लिये लिखे गये हैं। वो इनमें से अपनी आवश्यकता और जरुरत के अनुसार कोई भी निबंध चुन सकते हैं:
अपने देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध (माय ड्यूटी टुवर्ड्स माय नेशन एस्से)
You can get here some essays on My Duty towards my Country in Hindi language for students in 100, 200, 250, 300, 400 and 650 words.
देश के प्रति मेरा कर्त्तव्य पर निबंध 1 (100 शब्द)
हम कह सकते हैं कि, कर्त्तव्य किसी भी व्यक्ति के लिये नैतिक या वैधानिक जिम्मेदारी हैं जिनका पालन सभी को अपने देश के लिये करना चाहिये। ये एक कार्य या कार्यवाई हैं जिसका पालन देश के प्रत्येक और सभी नागरिकों को अपनी नौकरी या पेशे की तरह करना चाहिये। अपने राष्ट्र के लिये अपने कर्तव्यों का पालन करना एक नागरिक का अपने राष्ट्र के प्रति सम्मान को प्रदर्शित करता हैं। हर किसी को सभी नियमों और नियमन का पालन करने के साथ ही विनम्र और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारियों के लिए वफादार होना चाहिए।
एक व्यक्ति के लिये राष्ट्र के प्रति बहुत से कर्त्तव्य होते हैं जैसे: आर्थिक विकास एवं वृद्धि, साफ-सफाई, सुशासन, गुणवत्ता की शिक्षा, गरीबी मिटाना, सभी सामाजिक मुद्दों को खत्म करना, लिंग समानता लाना, सभी के लिये आदर-भाव रखना, वोट डालने जाना, स्वस्थ्य युवा देने के लिये बाल श्रम को खत्म करना और भी बहुत से।
देश के प्रति मेरा कर्त्तव्य
देश के प्रति मेरा कर्त्तव्य पर निबंध 2 (200 शब्द)
देश के प्रति लोगों के व्यक्तिगत कर्त्तव्य
एक समाज, समुदाय या देश के नागरिक होने के नाते कुछ कर्त्तव्यों का पालन व्यक्तिगत रुप से भी किये जाने की आवश्यकता हैं। देश में उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने के लिये सभी को नागरिकता के कर्त्तव्यों का पलान करना चाहिये। एक देश पिछड़ा, गरीब या विकासशील हैं तो सब-कुछ उसके नागरिकों पर निर्भर करता हैं तब तो और भी विशेष रुप से जब वो देश एक प्रजातांत्रिक देश हों। प्रत्येक को देश के अच्छे नागिरक होने के साथ ही देश के प्रति वफादार भी होना चाहिये। लोगों को सभी नियमों, अधिनियमों और सरकार द्वारा सुरक्षा और बेहतर जीवन के लिये बनाये गये कानूनों पालन करना चाहिये।
उन्हें समानता और समाज में उचित समीकरण में विश्वास करना चाहिये। एक आम नागरिक बनों, किसी को भी अपराध के प्रति सहानुभूति नहीं दिखानी चाहिये और इसके खिलाफ आवाज भी उठानी चाहिये। भारत के लोग मतदान के द्वारा मुख्य-मंत्री, प्रधानमंत्री और अन्य राजनीतिक नेताओं को चुनने का अधिकार रखते हैं, इसलिये उन्हें गलत नेता को चुनकर अपनी वोट को बेकार नहीं करना चाहिये जो देश को भ्रष्ट करें। हांलाकि, उन्हें अपने नेता को अच्छे से जानकर और समझ कर अपना मत देना चाहिये। उनका कर्त्तव्य देश को स्वच्छ और सुंदर बनाना हैं। उन्हें अपने देश की ऐतिहासिक विरासत और पर्यटन स्थलों को नष्ट और गंदा नहीं करना चाहिये। लोगों को दैनिक समाचारों और अन्य दैनिक गतिविधियों में देश में चल रही अच्छी और बुरी खबरों के बारे में जानने के लिये दिलचस्पी लेनी चाहिये।
देश के प्रति मेरा कर्त्तव्य पर निबंध 3 (250 शब्द)
देश के प्रति कर्त्तव्य एक व्यक्ति या समूह की नैतिक प्रतिबद्धता और सामूहिक जिम्मेदारियों को रखते हैं। इसे देश के सभी लोगों द्वारा अवश्य समझा जाना चाहिये। भारत वो देश हैं जो ‘विविधता में एकता’ के सिद्धान्त में विश्वास रखता हैं जहाँ एक से अधिक धर्म, जाति, पंथ, संप्रदाय और भाषाओं के लोग एक साथ रहते हैं। ये वो देश हैं जो पूरी दुनिया में इसकी संस्कृति, परंपरा और ऐतिहासिक धरोहरों के कारण प्रसिद्ध हैं, हांलाकि, ये यहाँ के नागरिकों की गैर-जिम्मेदारियों के कारण अभी भी विकासशील देशों की श्रेणी में गिना जाता हैं।
अमीर और गरीब के बीच में बहुत ज्यादा अन्तर हैं। अमीर व्यक्ति गरिबों को न तो समझते ही हैं न ही उनके प्रति अपनी जिम्मेदारियों का पालन करते हैं। वो देश की आर्थिक वृद्धि के बारे में अपनी जिम्मेदारी को भूल गये हैं जो देश में से गरीबी को हटाने से ही बढ़ सकती हैं। सभी को पिछड़े लोगों की उठने में (आर्थिक रुप से समृद्ध होने में), सामाजिक संघर्ष के मुद्दों को हटाने में, भ्रष्टाचार को खत्म करने में, गंदी राजनीति को बंद करके देश की समृद्धि में मदद करनी चाहिये। एक स्वार्थ रहित और देश के प्रति सबसे अच्छे कर्त्तव्य के पालन का उदाहरण भारतीय सैनिकों द्वारा देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिये निभाई जाने वाली ड्यूटी हैं। वो हमें और हमारे देश को विरोधियों से बचाने के लिये 24 घंटे बॉडर पर खड़े रहते हैं। वो अपनी जिम्मेदारी को प्रतिदिन निभाते हैं यहाँ तक कि इसके लिये इन्हें बहुत-सी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता हैं। वो अपने प्रियजनों से अलग रहते हैं और आरामदायक जीवन भी नहीं जीते हैं। हांलाकि, सभी प्रकार की आधारभूत सुविधाओं के होने के बाद भी हम बहुत छोटी सी जिम्मेदारियों जैसे साफ-सफाई, नियमों का पालन करना आदि को निभाने में भी असक्षम हैं।