Hindi, asked by devk12148, 8 months ago

e. 1 भक्तिकाल की प्रमुख शाखाओं का संक्षिप्त परिचय दीजिए।​

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Answered by harikeshchauhan786
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Answer:

भक्तिकाल की दो शाखाएँ थीं—

1. निर्गुण-भक्ति शाखा तथा

2. सगुण-भक्ति शाखा।

1 निर्गुण-भक्ति काव्यधारा–ईश्वर के निर्गुण रूप की उपासना करने वाले भक्त कवियों ने ईश्वर की प्राप्ति का मार्ग ज्ञान और प्रेम बताया। इस आधार पर निर्गुण-भक्ति काव्यधारा दो शाखाओं में प्रस्फुटित हुई

(1)...ज्ञान को ईश्वर की प्राप्ति का साधन मानने के आधार पर ज्ञानमार्गी या सन्त-काव्यधारा प्रस्फुटित हुई। इसके प्रतिनिधि कवि कबीरदास हैं।

(2)प्रेम को ईश्वर की प्राप्ति का साधन मानने के आधार पर प्रेममार्गी या सूफी-काव्यधारा प्रस्फुटित हुई। इसके प्रतिनिधि कवि मलिक मुहम्मद जायसी हैं।

2. सगुण-भक्ति काव्यधारा–ईश्वर के साकार रूप को आधार मानकर उपासना करने वाले कवियों ने राम और कृष्ण को इष्टदेव मानकर भक्ति-काव्यों की रचना की। इस आधार पर सगुण-भक्ति काव्यधारा भी दो शाखाओं में प्रस्फुटित हुई|

(1)कृष्ण के साकार रूप का आधार लेकर कृष्णभक्ति काव्यधारा विकसित हुई। इसके प्रतिनिधि कवि सूरदास हैं।

(2)राम के साकार रूप का आधार लेकर रामभक्ति काव्यधारा विकसित हुई। इसके प्रतिनिधि कवि तुलसीदास हैं।

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