History, asked by Anonymous, 6 months ago

ए.ई.एस/जे.ई. रोग नियन्त्रक/बचाव हेतु चित्रकला/पोस्टर प्रतियोग्यता में हिस्सा लेने के लिए कक्षा 9 से कक्षा 10 तक के सभी छात्रों को सादे कागज पर इस रोग ( जिसे कई क्षेत्र में दिमागी बुखार, चमकी बुखार अथवा जापानी बुखार के नाम से भी जाना जाता है ) के रोकथाम व जागरूकता के लिये चित्र के माध्यम से दर्शाना है


Bata doh

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Answered by studyking7
2

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मीठी लीची के लिए प्रसिद्ध बिहार का मुजफ्फरपुर इन दिनों कुछ और वजह से समाचारों में है. इस साल मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से अब तक 100 बच्चों का निधन हो चुका है. साल 1995 से ही यह रहस्यमय बीमारी यहां के बच्चों को अपना शिकार बनाती आई है. पिछले दो दशक में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की वजह से देश में 5000 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है.

हर साल मई और जून के महीने में बिहार के अलग-अलग कस्बे के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आते हैं और बच्चों के मरने का सिलसिला शुरू हो जाता है. बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और डॉक्टरों की असंवेदनशीलता ने पीड़ित बच्चों के परिजनों को और परेशान किया है. 1 से 15 साल की उम्र के बच्‍चे इस बीमारी से ज्‍यादा प्रभावित होते हैं

bataya toh tha abhi

Answered by thapaavinitika6765
1

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 \huge \pink \{follw \: me

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