एंजाइम अभिक्रिया की क्रिया विधि का वर्णन कीजिए
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एंजाइम एक प्रकार जैविक उत्प्रेरक होते है जो जैव रासायनिक अभिक्रियाओं की दर को बढ़ा देते है। प्रोटीन प्रकृति के ऐसे कार्बनिक पदार्थ जो जीवित कोशिकाओं में उत्प्रेरक का कार्य करते है एन्जाइम कहलाते है।
1897 में बर्जीलियस बुकनर ने सर्वप्रथम यीस्ट कोशिका से जाइमेज एंजाइम को खोजा , एंजाइम शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम कूहने ने किया।
जे.बी. सुमनर ने सर्वप्रथम यूरिएज एंजाइम को क्रिस्टलीकरण किया इसके लिए सुमनर को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया।
- एंजाइम क्रिया के उत्प्रेरक चक्र को निम्न चरणों में व्यक्त कर सकते है सर्वप्रथम क्रियाधार एंजाइम के सक्रीय स्थल में जुड़ जाते है |
- क्रियाधार एंजाइम में बदलाव लाकर मजबूती से संलग्न या जुड़ जाते हैजाइम क्रियाधार के बीच रासायनिक बंध टूट जाते है और नए एंजाइम उत्पाद जटिल का निर्माण होता है |
इस प्रकार दो प्रकार के एंजाइम होते है –
सरल एंजाइम
संयुग्मित एंजाइम
सरल एंजाइम: वे एंजाइम जो केवल प्रोटीन से निर्मित होते है। उदाहरण : पेप्सिन , ट्रिप्सिन , एमाइलेज , यूरिएज।
संयुग्मित एंजाइम: ये एंजाइम दो भागो से मिलकर बने होते है। प्रोटीन भाग एपोएंजाइम कहलाता है और अप्रोटीन भाग co-फैक्टर कहलाता है। सम्पूर्ण संयुग्मित एंजाइम होलोएंजाइम , उदाहरण : डिहाइड्रोजिनेज म हेक्सोकाइनेज , डी कार्बोक्सिलेज।
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using for digestive ants