Chemistry, asked by nikitasahu271003, 5 hours ago

ΔE तथा ΔH दोनों शून्य होती हैं
(1) समदाबीय प्रक्रम में
(3) समआयतनी प्रक्रम में
(2) रूद्धोष्म प्रक्रम में
(4) चक्रीय प्रक्रम में​

Answers

Answered by diyamorjahwal4641
0

Answer:

किसी अन्य भाषा में पढ़ें

डाउनलोड करें

ध्यान रखें

संपादित करें

उष्मागतिकी के शून्यवें सिद्धांत में ताप की भावना का समावेश होता है। यांत्रिकी में, विद्युत् या चुंबक विज्ञान में अथवा पारमाण्वीय विज्ञान में, ताप की भावना की कोई आवश्यकता नहीं प्रतीत होती। उष्मागतिकी के प्रथम सिद्धांत द्वारा ऊष्मा की भावना का समावेश होता है। जूल के प्रयोग द्वारा यह सिद्ध होता है कि किसी भी पिंड को (चाहे वह ठोस हो या द्रव या गैस) यदि स्थिरोष्म दीवारों से घेरकर रखें तो उस पिंड को एक निश्चित प्रारंभिक अवस्था से एक निश्चित अंतिम अवस्था तक पहुँचाने के लिए हमें सर्वदा एक निश्चित मात्रा में कार्य करना पड़ता है। कार्य की मात्रा पिंड की प्रारंभिक तथा अंतिम अवस्थाओं पर ही निर्भर रहती है, इस बात पर नहीं कि यह कार्य कैसे किया जाता है। यदि प्रारंभिक अवस्था में दाब तथा आयतन के मान p0 तथा V0 हैं तो कार्य की मात्रा अंतिम अवस्था की दाब तथा आयतन पर निर्भर रहती है, अर्थात् कार्य की मात्रा p तथा V का एक फलन है। यदि कार्य की मात्रा का W हैं तो हम लिख सकते हैं कि

W = U - U0 (4)

Similar questions