eassy on dahej pratha 3 pages class8 ICSE board
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दहेज प्रथा, जिसमें दुल्हन के परिवार को दूल्हे के परिवार के लिए नकदी के रूप में उपहार देने और कीमती चीजें देना भी शामिल है, की काफी हद तक समाज द्वारा निंदा की जाती है लेकिन कुछ लोगों का तर्क यह भी है कि इसका अपना महत्व है और लोग अभी भी इसका अनुसरण कर रहे हैं तथा यह दुल्हन को कई तरीकों से लाभ पहुँचा रही है।
क्या दहेज प्रणाली के कोई लाभ हैं?
कई दंपति इन दिनों स्वतंत्र रूप से रहना पसंद करते हैं और उनको दहेज में मिली ज्यादातर नकदी, फर्नीचर, कार और अन्य ऐसी संपत्तियां शामिल हैं जो उनके लिए वित्तीय सहायता के रूप में काम करती हैं और उन्हें अपना नया जीवन शुरू करने में मदद करती हैं। शादी के वक़्त दोनों दूल्हा और दुल्हन अपना कैरियर शुरू करते हैं और वे आर्थिक रूप से इतने अच्छे नहीं होते कि वे इतने ज्यादा खर्चों को एक बार में वहन कर सकें। लेकिन क्या यह एक वैध कारण है? यदि यह मामला है तो दुल्हन के परिवार पर पूरा बोझ डालने के बजाए दोनों परिवारों को उन्हें बसाने में निवेश करना चाहिए। इसके अलावा यह यह भी हो सकता है कि यदि दोनों परिवार नव-दम्पति को बिना ऋण वित्तीय सहायता प्रदान करें।
कई लोग यह भी तर्क देते हैं कि जो लड़कियां दिखने में अच्छी नहीं होती वे दूल्हे की वित्तीय मांगों को पूरा करके शादी कर लेती हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लड़कियों को बोझ के रूप में देखा जाता है और जैसे ही वे बीस वर्ष की उम्र पार कर लेती हैं उनके माता-पिता की प्राथमिकता यही रहती है कि वे उनकी शादी कर दें। ऐसे मामलों में भारी दहेज देना और यह बुरी प्रथा उन लोगों के लिए वरदान जैसी होती है जो अपनी बेटियों के लिए दूल्हा खरीदने में सक्षम हैं। हालांकि अब ऐसा समय है जब ऐसी सोच को बदलना चाहिए।
दहेज प्रथा के समर्थकों द्वारा यह भी माना जाता है कि दुल्हन और उनके परिवार को भारी मात्रा में उपहार उपलब्ध कराने की स्थिति में समाज में उनके परिवार की इज्ज़त बढ़ जाती है। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर मामलों में इसने लड़कियों के खिलाफ काम किया है।
निष्कर्ष
दहेज प्रथा के अधिवक्ता इसका समर्थन करने के लिए विभिन्न अनुचित कारणों का समर्थन कर सकते हैं लेकिन तथ्य यह है कि यह पूरी तरह से समाज को अधिक नुकसान पहुंचाता है।
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