easy essay on किसी प्रदर्शनी का आँखों देखा वर्णन of 250 words.
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कमाल हो गया, भारत में पुस्तक प्रदर्शनी देखने का इतना शौक । अनेक स्थलों पर मेले लगते हैं । वहाँ कोई प्रवेश शुल्क भी नहीं, उल्टे खेल-तमाशे और खाने-पीने की चटपटी चीजें ही होती हैं । यहाँ इस प्रकार का आकर्षण भी नहीं था, फिर भी लोगों का पुस्तक मेले के प्रति आकर्षण कम न था ।
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