Easy on my favourite season in hindi
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शरद ऋतु साल का सबसे ठंडा मौसम होता है, जो दिसम्बर महीने में शुरु होता है और मार्च के महीने में समाप्त होता है। दिसम्बर और जनवरी के महीने में सर्दी अपनी चरम सीमा पर होती है और इन्हें सबसे ठंडे महीने के रुप में गिना जाता है, जब तापमान देश के उत्तरी क्षेत्रों में लगभग 100 से 150 सेल्सियस (अर्थात् 50 से 590 फोरेनाइट) होता है हालांकि, दक्षिणी क्षेत्रों (देश की मुख्य भूमि) में यह 20 से 250 सेल्सियस (अर्थात् 68 से 770 फोरेनाइट) रहता है। शरद ऋतु की चरम सीमा पर उत्तरी क्षेत्रों में तेज गति से सर्द हवाएं चलती है।
हमें धुंध का सामना करना पड़ता है, जो प्रायः सूर्य के प्रकाश को छुपा लेता है, जो पूरे सर्दी के मौसम में ठंड का सामना कराता है। सर्दी से बचने के लिए बहुत से लोग आग का भी आनन्द लेते हैं। शीत ऋतु में अन्य ऋतुओं की तुलना में वातावरण में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखा जा सकता है। वातावरण का तापमान बहुत कम हो जाता है , तेज गति से हवाएं चलने लगती हैं , दिन छोटे हो जाते हैं और रातें लंबी हो जाती हैं।
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––मेरा प्रिय मौसम वर्षा ऋतु––
मेरा प्रिय मौसम वर्षा ऋतु है. क्यूकि वर्षा ऋतु में जब पहली बार बारिश की बूंदे धरती पर पड़ती है तब उसकी सोंदी -सोंदी खुशबू मन में आनंद का भाव उत्पन्न कर देती है. वर्षा ऋतु के आने से चारों ओर हरियाली छा जाती है. यह हमारे मन को आनंद से भर देता है, इसलिए मुझे यह मौसम पसंद है.
भारत में वर्षा ऋतु जुलाई महीने में शुरु हो जाती है और सितंबर के आखिर तक रहता है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी के जीवन में उम्मीद और राहत की फुहार लेकर आता है। इंसानों के साथ ही पेड़, पौधे, चिड़ियाँ और जानवर सभी उत्सुकता के साथ इसका इंतजार करते है और इसके स्वागत के लिये ढेर सारी तैयारियाँ करते है। इस मौसम में सभी को राहत की साँस और सुकून मिलता है।
आकाश बहुत चमकदार, साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है और कई बार तो सात रंगों वाला इन्द्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। सामान्यतः मैं हरे-भरे पर्यावरण और दूसरी चीजों की तस्वीर लेता हूँ जिससे ये मेरे कैमरे में यादों की तरह रहे। आकाश में सफेद, भूरा और गहरा काला बादल भ्रमण करता दिखाई देता है।
प्रकृति पर वर्षा ऋतु का प्रभाव
सभी पेड़ और पौधे नयी हरी पत्तियों से भर जाते है तथा उद्यान और मैदान सुंदर दिखाई देने वाले हरे मखमल की घासों से ढक जाते है। जल के सभी प्राकृतिक स्रोत जैसे नदिया, तालें, तालाबें, गड्ढें आदि पानी से भर जाता है। सड़कें और खेल का मैदान भी पानी से भर जाता है और मिट्टी कीचड़युक्त हो जाती है। वर्षा ऋतु के ढेर सारे फायदे और नुकसान है। एक तरफ ये लोगों को गरमी से राहत देती तो दूसरी तरफ इसमें कई सारी संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर बना रहता है। यह किसानों के लिये फसलों के लिहाज से बहुत फायदेमंद रहता है लेकिन यह कई सारी संक्रमित बीमारियों को भी फैलाता है। इससे शरीर की त्वचा को काफी असुविधा होती है। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है।
निष्कर्ष
वर्षा ऋतु में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढेर सारी मस्ती करते है। इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुत्फ उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।
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