easy on my mother in hindi
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मेरी माँ बहुत सुन्दर है, उसके बाल लम्बे और आँखें हिरणी जैसी सुन्दर हैं । देखने में पतली लेकिन पूर्ण स्वस्थ है । उस की आयु लगभग 35 वर्ष है । हमेशा अपने को व्यस्त रखती है ।
मैं अपनी शक्ति के अनुरुप अपनी माँ के कार्यों में सहायता करती हूँ । वह घर के सभी काम स्वयं करती हैं । सुबह सबसे पहले घर की सफाई करती हैं । भोजन स्वयं ही बनाती है और सब को प्यार से खिलाती हैं । कपड़ों को धोकर उन्हें प्रैस करके हमें पहनाती हैं ।
मेरी माँ बहुत सुन्दर है, उसके बाल लम्बे और आँखें हिरणी जैसी सुन्दर हैं । देखने में पतली लेकिन पूर्ण स्वस्थ है । उस की आयु लगभग 35 वर्ष है । हमेशा अपने को व्यस्त रखती है ।
मैं अपनी शक्ति के अनुरुप अपनी माँ के कार्यों में सहायता करती हूँ । वह घर के सभी काम स्वयं करती हैं । सुबह सबसे पहले घर की सफाई करती हैं । भोजन स्वयं ही बनाती है और सब को प्यार से खिलाती हैं । कपड़ों को धोकर उन्हें प्रैस करके हमें पहनाती हैं ।
हमारी माँ हमें प्रसन्न देखकर बहुत प्रसन्न होती है । उनकी अस्त्रों से सदैव प्यार झलकता है । हमारा पालन-पोषण करने के साथ-साथ हमारी गलतियों को भी क्षमा कर देती है । किसी यूरोपियन का कथन है, ईश्वर के अस्तित्व में मेरा विश्वास नहीं है । परन्तु जब मैं किसी माँ को देखता हूँ तो सोचने लगता हूँ कि यदि सचमुच ईश्वर होगा तो अवश्य ही एक माँ जैसा होगा ।
इस कथन में उसने माँ के त्याग और नि:स्वार्थ प्रेम को प्रकट किया है । बच्चे की नजर में माँ की शक्ल चाहे जैसी भी हो उसकी माँ संसार की सबसे सुन्दर औरत है । मेरी माँ का सुन्दर साड़ियाँ पहनने का शौक है । उसके पास 50 साड़ियाँ हैं ।
किसी अवसर पर किस साड़ी को पहनना है, यह वह बहुत अच्छी तरह जानती है । वह करवा चौथ तथा अहोई को आभूषण से सुसज्जित होकर पूजा करती है । त्यौहारों के अवसर पर वह बढ़िया पकवान बनाती है । होली, दीपावली, दशहरा, जन्माष्टमी आदि सभी पर्व विधि विधान पूर्वक पूजन करके मनाती है ।
वह मेरी बहन और बुआ को सावन की तीज का सिंदारा देना नहीं भूलती । समय-समय पर उन के यहाँ उपहार भिजवाना नहीं भूलती । वह मेरे पिताजी का बड़ा आदर करती है, पर उसे उनका मदिरा पान करना कतई पसन्द नहीं है । इस बात को लेकर घर में कभी-कभी कहासुनी हो जाती है । अब मेरे पिताजी ने मदिरा पान करना लगभग छोड़ दिया है । अगर पीते होंगे तो घर से बाहर ।
वह घर पर आने वाले अतिथियों, पिताजी के मित्रों और हमारे साथियों का यथा संभव स्वागत करती है । वह घर आये अतिथि को भगवान मानती है । वह उन्हें कभी बोझ नहीं समझती । मैं यह समझती हूँ कि हमारे घर को सुख-पूर्वक चलाने में मेरी माँ की बहुत बड़ी भूमिका है । मुझे मेरी माँ पर गर्व है ।
माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। यहीं कारण है प्रायः संसार में ज्यादेतर जीवनदायनी और सम्माननीय चीजों तो माँ के संज्ञा दी गयी है जैसे कि भारत माँ, धरती माँ, पृथ्वी माँ, प्रकृति माँ, गौ माँ आदि। इसके साथ ही माँ को प्रेम और त्याग की प्रतिमूर्ति भी माना गया है। इतिहास कई सारी ऐसे घटनाओं के वर्णन से भरा पड़ा हुआ है। जिसमें मताओं ने अपने संतानों के लिए विभिन्न प्रकार के दुख सहते हुए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। यही कारण है कि माँ के इस रिश्तें को आज भी संसार भर में सबसे सम्मानित तथा महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक माना जाता है।माँ एक ऐसा शब्द है, जिसके महत्व के विषय में जितनी भी बात की जाये कम ही है। हम माँ के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नही कर सकते हैं। माँ के महानता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंसान भगवान का नाम लेना भले ही भूल जाये लेकिन माँ का नाम लेना नही भूलता है। माँ को प्रेम व करुणा का प्रतीक माना गया है। एक माँ दुनियां भर के कष्ट सहकर भी अपने संतान को अच्छी से अच्छी सुख-सुविधाएं देना चाहती है।
एक माँ अपने बच्चों से बहुत ही ज्यादे प्रेम करती है, वह भले ही खुद भुखी सो जाये लेकिन अपने बच्चों को खाना खिलाना नही भूलती है। हर व्यक्ति के जीवन में उसकी माँ एक शिक्षक से लेकर पालनकर्ता जैसी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाती है। इसलिए हमें अपनी माँ का सदैव सम्मान करना चाहिए क्योंकि ईश्वर हमसे भले ही नाराज हो जाये लेकिन एक माँ अपने बच्चों से कभी नाराज नही हो सकती है। यही कारण है कि हमारे जीवन में माँ के इस रिश्ते को अन्य सभी रिश्तों से इतना ज्यादे महत्वपूर्ण माना गया है।
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