History, asked by sk0447455, 6 months ago

एबी एवं उसमें रहने वाले व्यक्तियों के जीवन पर संक्षेप में प्रकाश डालिए आंसर​

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Answered by jacksongross2008
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Answer:

what is this

Explanation:

Answered by Anonymous
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एबी तथा उसने रहने वाले व्यक्तियों के जीवन का वर्णन निम्न प्रकार से किया गया है।

एबी चर्च के अतिरिक्त कुछ विशेष श्रद्धालु ईसाइयों की एक दूसरी तरह की संस्था थी।

कुछ अत्यधिक धार्मिक व्यक्ति, पादरियों के विपरीत जो लोगों के बीच में नगरों और गाँवों में रहते थे, एकान्त जीवन व्यतीत करना पसन्द करते थे। वे धार्मिक समुदायों में रहते थे जिन्हें एबी या मठ कहते थे।

• भिक्षु अपना सारा जीवन एबी में रहने और समय पर प्रार्थना करने, अध्ययन और कृषि जैसे शारीरिक श्रम में लगाने का व्रत लेते थे।

• प्रादरी-कार्य के विपरीत भिक्षु का जीवन पुरुष और स्त्रियाँ दोनों ही अपना सकते थे-ऐसे पुरुषों को मॉक तथा महिलाओं को नन कहते थे।

• कुछ अपवादों को छोड़कर सभी एबी में एक ही लिंग के व्यक्ति रह सकते थे। पुरुषों एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग एबी थे। पादरियों की तरह, भिक्षु और भिक्षुणियाँ भी विवाह नहीं कर सकती थीं।

•दस या बीस पुरुष या स्त्रियों के छोटे समुदाय से बढ़कर मठ सैकड़ों की संख्या के समुदाय बन गए जिसमें बड़ी इमारतें और भू-जागीरों के साथ-साथ स्कूल या कॉलेज और अस्पताल थे।

•इन समुदायों ने कला के विकास में योगदान दिया। •तेरहवीं सदी में भिक्षुओं के कुछ समूह जिन्हें ‘फायर’ कहते थे, उन्होंने मठों में न रहने का निर्णय लिया। वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूम-घूमकर लोगों को उपदेश देते और दान से अपनी जीविका चलाते थे।

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