Hindi, asked by HarshitaQueen2, 1 month ago

एड्स एक भयानक रोग है। एड्स की रोकथाम हेतु महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को एक पत्र लिखिए।​

Answers

Answered by itsPapaKaHelicopter
0

भारत एचआईवी/एड्स उन्मूलन की दिशा में लगातार कठिन प्रयास कर रहा है। एड्स नामक इस भयानक बीमारी ने देश की एक बड़ी आबादी को अपने प्रभाव में जकड़ रखा है। एचआईवी से संबंधित मामलों को पूर्ण रूप से ख़त्म किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं एवं पिछले कुछ वर्षों में भारत ने इस प्रयास में अंशतः सफलता भी पाई है। भारत को “पूर्णतः एड्स मुक्त” होने में अभी काफी समय लगेगा क्योंकि अभी भी देश में 15 से 49 वर्ष की उम्र के बीच के लगभग 25 लाख लोग एड्स से प्रभावित हैं। यह आँकड़ा विश्व में एड्स प्रभावित लोगों की सूची में तीसरे स्थान पर आता है।

एचआईवी आकलन 2012 के अनुसार भारतीय युवाओं में वार्षिक आधार पर एड्स के नए मामलों में 57% की कमी आई है। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत किये गए एड्स के रोकथाम संबंधी विभिन्न उपायों एवं नीतियों का ही यह प्रभाव था कि 2000 में एड्स प्रभावित लोगों की जो संख्या 2.74 लाख थी, वह 2011 में घटकर 1.16 लाख हो गई। 2001 में एड्स प्रभावित लोगों में 0.41% युवा थे जो प्रतिशत 2011 में घटकर 0.27 का हो गया। 2000 में एड्स प्रभावित लोगों की संख्या लगभग 24.1 लाख थी जो 2011 में घटकर 20.9 लाख रह गई। एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) के प्रयोग में आने के बाद एड्स से मरने वालों की संख्या में कमी आई। 2007 से 2011 के बीच एड्स से मरने वाले लोगों की संख्या में वार्षिक आधार पर 29% की कमी आई। ऐसा अनुमान है कि 2011 तक लगभग 1.5 लाख लोगों को एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) की मदद से बचाया जा चुका है।

भारत ने एचआईवी संबंधी आँकड़े देने वाले इन व्यापक स्रोतों का इस्तेमाल एड्स संबंधी कार्यक्रमों के निर्धारण में किया है ताकि एचआईवी की रोकथाम एवं इसके उपचार के उपायों से होने वाले प्रभावों की जानकारी प्राप्त की जा सके।

एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (यूएनएड्स) के अनुमान यह दिखाते हैं कि पूरा विश्व एचआईवी संक्रमण को फैलने से रोकने का प्रयास कर रहा है ताकि इस महामारी को जड़ से मिटाया जा सके। विगत दस वर्षों में इस दिशा में सराहनीय प्रयास किये गए हैं, फिर भी आज हमारे सामने यह एक विकट समस्या है।

Similar questions