Hindi, asked by jim385955, 2 months ago

eहिंदी में गर्मी की छुट्टियों पर एक निबंध ​

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Answered by 0Shrishty0
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गर्मी का मौसम हमारे भारत देश में मार्च से अप्रैल और मई से जून तक रहता है, और यह चार महीने साल के सबसे गर्म महीने होते है ,जिसे हम गर्मी के मौसम के नाम से जानते हैं इस ऋतु के दौरान दिन लंबे और गर्म होते हैं वही रातें छोटी होती है हम बड़ों के लिए मौसम भले ही असहनीय होता है पर इस मौसम में सबसे ज्यादा मज़ा तो बच्चों को ही आता है और आये भी क्यु ना उन्हें स्कूलों से छुट्टी जो मिलती है, सच कहें तो स्कूल की छुट्टियां का इंतजार बच्चे साल भर से ही करने लगते हैं क्योंकि उन्हें इस मौसम में आइसक्रीम खाने, लस्सी पिने, और उनके पसंदीदा फल जो खाने को मिलता है, और पहाड़ी क्षेत्रों में घूमने का अवसर मिलता है। या किसी दर्शनीय स्थल पर जाकर छुट्टियां मनाने का इंतजार रहता है जहां उन्हें धार्मिक और पारम्पारिक जानकारी मिलती है।कहीं जाने से पहले हमें हमारी सभी आवश्यक चीजों का ध्यान रखना पड़ता है जिसमें हमारी सभी जरूरत का सामान रखना जरूरी होता है सबसे पहला कार्य होता है।की यात्रा के लिए हम किस वाहन का चुनाव कर रहे हैं चाहे वह रेल गाड़ि,एरोप्लेन ,बस ,जो भी हो जाने से पहले की तैयारी करना अति आवश्यक है तो हमने इस बार ग्रीष्मकालीन अवकाश के लिए हरिद्वार को चुनाव किया जो कि एक धार्मिक स्थल है।हरिद्वार एक पवित्र और धार्मिक शहर है जो कि उत्तराखंड राज्य में है इसका सही मायने में नाम ‘हरि का द्वार’ है ‘अर्थात ईश्वर का दरवाजा, हिंदुओं का सातवां सबसे पवित्र धार्मिक स्थल कहा जाता है, तो चल दिए हम हरिद्वार, हरिद्वार से गोमुख 353 किलोमीटर दूर है गोमुख से निकल कर सर्वप्रथम गंगा नदी यहाँ से होकर गुजरती है इसलिए प्राचीन काल में हरिद्वार को गंगा का द्वार कहा जाता है।ग्रीष्मकाल में हरिद्वार हम सब और बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा यहां की हरियाली कल-कल बहती गंगा नदी शांत और मनोहर घाट हम सबको, बरबस ही आकर्षित करती है, अगर आप भी देवभूमि हरिद्वार जाने का सोच रहे हैं तो आप वहाँ पर जरूर जाए जैसे हमने हमारे ग्रीष्मकालीन अवकाश के मजे लिए आप भी हरिद्वार जाकर वहा के मजे ले।ग्रीष्मकाल के अवकाश में कही जाने का सोच रहे है तो एक बार हरिद्वार अवश्य जाए इस जगह के बारे में सोच कर आपको उतना मज़ा नहीं आएगा जितना आप बहा जाकर वहाँ के दर्शन करके आएगा तो एक बार ग्रीष्मकाल के अवकाश में जाकर हरिद्वार का आनंद ज़रूर उठाइये।

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