ek anar sau bimar short story in hindi pls
Answers
एक अनार सौ बीमार (कहानी)
बेरोजगारी का आलम यह है कि क्या कहने नौकरी खासकर सरकारी नौकरियों का आकाल ऐसा पड़ा है कि एक नौकरी पर लाखों आवेदन आ जाते हैं। यानि “एक अनार सौ बीमार”।
रमेश के साथ भी ऐसा ही हुआ। बड़े जतन से उसने पढ़ाई की थी। उसके पिताजी ने उसको अपनी सारी जमा पूंजी लगाकर पढ़ाया लिखाया कि डिग्री लेकर लड़का सरकारी बाबू बनेगा। रमेश डिग्री हासिल कर ली। एक अखबार में सरकारी नौकरी का विज्ञापन देखा, तुरंत आवेदन कर दिया। वहां से परीक्षा देने के लिए पत्र आ गया। रमेश बड़ा खुश हुआ। सोचा फटाफट परीक्षा दे देगा और उसका नौकरी के लिए सिलेक्शन हो जाएगा। बड़ी तैयारी से सारी सब कुछ याद करके परीक्षा देने परीक्षा केंद्र पहुंचा।
परीक्षा केंद्र की भीड़ देखकर उसे चक्कर आ गये। उसे लगा कि वह किसी गलत जगह आ गया है। आसपास लोगों से पता दिखाकर पूछा तो मालुम पड़ा कि वह सही जगह आया था। उसे याद था कि मात्र पाँच पोस्ट के लिये आवेदन निकला था। जबकि परीक्षा केंद्र लगभग हजार विद्यार्थी से ज्यादा थे। उसे नौकरी मिलने की उम्मीद धूमिल लग लगने लगी। जैसे-तैसे उसने परीक्षा दे दी। लेकिन वो निराश हो चुका था। उसे उम्मीद नही थी कि हजार से ज्यादा लोगों में उसका नंबर लग पायेगा। उसे पता चला कि इसी पोस्ट के लिये परीक्षा हेतु ऐसे ही पाँच केंद्र और हैं, जहाँ ये परीक्षा ली जा रही है। अब तो उसे पक्का विश्वास हो गया कि उसको मौका नही मिलने वाला।
उसे वो कहावत याद आ गयी ‘एक अनार सौ बीमार’। हुआ भी वही उसका नंबर नही आया। बाद में उसने अनेक जगह सरकारी नौकरी के लिये प्रयास किये लेकिन उसका नंबर कहीं नही आया। किसी में परीक्षा पास करने के बाद भी सलेक्शन नही होता। थकहार कर उसने अपना एक छोटी सी दुकान खोल ली।
सराकारी नौकरियों की हालत ऐसी ही हो गयी है, एक पद के हजारों आवेदक तैयार खड़े हैं। अर्थात ‘एक अनार सौ बीमार’।
मार्क में ब्रेनलीस्ट।
Explanation:
mark me brainlieast