Ek aurat _____ ka kinara bathi thi
Answers
Explanation:
दरख्तों से सरसब्ज पहाड़ी पर पुराने फैशन की एक हवेली थी। ऊंचे और लंबे छायादार पेड़ों की हरियाली उसे घेरे हुए थी। एक विशाल बाग था, जिसके आगे घना जंगल और फिर एक खुला मैदान था। हवेली के सामने की तरफ पत्थर का एक विशालकाय जलकुंड था, जिसमें संगमरमर में तराशी हुई परियां नहा रही थीं। ढलान पर एक के बाद एक कई कुंड थे, जिनमें से पानी की एक धारा अदृश्य फव्वारे की तरह नाचती हुई एक जलप्रपात का आभास देती थी।
इस सामंती आवास में एक नाजुक मिजाजी और नफासत को करीने से सहेजा गया था। शंख और सीपियों से सजी एक गुफा में पुराने जमाने की प्रेमकथाएं सोई हुई थीं। एक तरह से कहें तो पूरी हवेली में पुराने वक्त को सहेजकर रखा गया था। ऐसा लगता था जैसे कोई भी चीज अभी बस बोल ही पड़ेगी। बैठक की दीवारों पर पुरातन शैली की पेंटिंग्स थीं, जिनमें सम्राट लुई-15 के साथ भेड़ें चराते चरवाहे और घने घेरदार लहंगों में सुंदरियों के साथ विग पहने जांबाज आशिक चित्रित किए गए थे। एक लंबी आराम कुर्सी में एक बहुत ही बूढ़ी औरत बैठी थी। अगर वह हिलती-डुलती नहीं तो उसके मृत होने का आभास होता। उसके अनावृत पतले हाथों की चमड़ी बिल्कुल मिस्र की ममियों जैसी लगती थी।
उसकी निगाहें दूर क्षितिज में कुछ खोज रही थीं। ऐसा लगता था जैसे वह बाग में अपनी जवानी के दिन याद कर रही हो। खिड़कियों से हरियाली और फूलों में नहाकर आई हुई खुशबूदार हवा उसके झुर्रियों भरे माथे को छूकर उसे यादों के समंदर में लिए जा रही थी। उसके पास ही सुंदर परदे से ढंकी स्टूल पर एक युवती बैठी थी जिसके बाल हवा में उड़ रहे थे। वह एक कपड़े पर कढ़ाई कर रही थी। उसकी आंखों में कुछ तनाव और माथे पर चिंता की लकीरें दिख रही थीं। लग रहा था वह कढ़ाई
Answer:
ek aurat nadi ke kinare bethi thi