ek boond kavita saransh
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मैंने देखा एक बूंद कविता कवि अज्ञेय द्वारा रचित एक मुक्तक काव्य है। इस कविता के माध्यम से कवि अज्ञेय कबीरदास के विचारधारा का समर्थन करते हैं। कवि ने ईश्वर को सत्य कहा है, कवि के अनुसार शरीर नश्वर है, जो समुद्र के उस बूंद के समान है, जो सूरज के तपिश के कारण आसमान में बादल बनकर कहीं दूर चला जाता है।
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