ek dhani seth tha uska ek hi beta tha jiska naam trishul tha ve kathin parikshm karta tha .kaksha me pratham aata tha complete this story
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एक धनी सेठ था। उसका एक ही बेटा था। उसका नाम त्रिशूल था। त्रिशूले एक अच्छा लड़का था। वह कठिन परिश्रम करता था। वह अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम आता था। एक बार वह बुरी संगति में पड़ गया और लापरवाह हो गया। उसने स्कूल से भागना शुरु कर दिया।
उसका पिता बहुत दुःखी हुआ। उसे एक उपाय सूझा वह बाजार से सेब खरीद लाया। उसने साथ ही एक खराब सेब भी खरीद लिया। उसने त्रिशूल से कहा कि ये सब सेब एक टोकरी में रख दे।पिता ने अगले दिन त्रिशूल को बुलाया और उससे टोकरी लाने को कहा। टोकरी में रखे सभी सेब खराब हो चुके थे, त्रिशूल को यह देखकर बड़ी हैरानी हुई तभी उसके पिता ने कहा – एक खराब सेबने सभी अच्छे सेबों को भी सड़ादिया, इसी तरह बुरी संगति में व्यक्ति भी बर्बाद हो जाता है। त्रिशूल ने सबक सीखा। उसने अपनी बुरी संगत छोड़ दी और फिर से एक अच्छा लड़का बन गया।
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एक धनी सेठ था। उसका एक ही बेटा था। उसका नाम त्रिशूल था। त्रिशूले एक अच्छा लड़का था। वह कठिन परिश्रम करता था। वह अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम आता था। एक बार वह बुरी संगति में पड़ गया और लापरवाह हो गया। उसने स्कूल से भागना शुरु कर दिया।
उसका पिता बहुत दुःखी हुआ। उसे एक उपाय सूझा वह बाजार से सेब खरीद लाया। उसने साथ ही एक खराब सेब भी खरीद लिया। उसने त्रिशूल से कहा कि ये सब सेब एक टोकरी में रख दे।पिता ने अगले दिन त्रिशूल को बुलाया और उससे टोकरी लाने को कहा। टोकरी में रखे सभी सेब खराब हो चुके थे, त्रिशूल को यह देखकर बड़ी हैरानी हुई तभी उसके पिता ने कहा – एक खराब सेबने सभी अच्छे सेबों को भी सड़ादिया, इसी तरह बुरी संगति में व्यक्ति भी बर्बाद हो जाता है। त्रिशूल ने सबक सीखा। उसने अपनी बुरी संगत छोड़ दी और फिर से एक अच्छा लड़का बन गया।