ek dhobi____sher ki khaal pehna______apne ghde ki khaal aoodhkar dusre ki khet mai choda aana___ kisaanon ka use dekhna darkar bhaagna ghade ka rekgna---- ghade ka khup peetna ___ muthyu------ shiksha
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Answer:
शेर की खाल में गदहा
एक धोबी के पास एक गदहा था। धोबी गदहे से कमड़तोड़ मेहनत करवाता था जिससे गदहे की इतनी भी फुरसत नहीं मिलती थी कि ठीक से खाना खा पाए। कुपोषण के कारण गदहा बहुत कमजोर हो गया था। धोबी को भी गदहे की हालत पर तरस आता था और वह कोई उपाय सोच रहा था कि गदहे को भरपूर खाना मिल सके। लेकिन इसके लिए धोबी अपने काम से समझौता नहीं करना चाहता था।
एक दिन धोबी को कहीं से शेर की खाल मिली। उस खाल को देखते ही धोबी के दिमाग की बत्ती जली। अब रोज रात को वह गदहे को शेर की खाल पहना देता था और खेतों में चरने के लिए छोड़ देता था। किसान उसे शेर समझकर उसके पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। इस तरह से कुछ समय बीता और पौष्टिक खुराक मिलने से वह गदहा फिर से तंदुरुस्त हो गया।
ऐसी ही किसी चांदनी रात को गदहा किसी खेत में मक्के के नरम-नरम दाने पर हाथ साफ़ कर रहा था। तभी उसे दूर से किसी गदही के रेंकने की आवाज सुनाई पड़ी। गदहा अपने उन्माद पर नियंत्रण नहीं कर पाया और जवाब में वह भी रेंकने लगा। खेत की रखवाली कर रहे किसानों को गदहे की असलियत का पता चल गया। फिर क्या था, उन्होंने उस गदहे की जमकर धुनाई कर दी।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि पोशाक बदलने से ही आपका व्यक्तित्व नहीं बदल जाता।
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