ek kahani likhiye jako rakhe saiyan maar sake na koi in hindi
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जांको राखे साईंया मार सके न कोय | jako rakhe saiyan maar sake na koi
| Nobody can harm those, whom god protects
पिछले हफ्ते मैं बस से सफर कर रहा था| थोड़ी दूर जाने पर सभी यात्रियों को संदेह हुआ कि ड्राईवर नशे में है| शिकायत करने पर कहासुनी हो गई| वो बीच रास्ते में बस छोड़कर जाने को तैयार हो गया| सबने समझाइश की क्योंकि सभी को अपने गंतव्य तक पहुचने की जल्दी भी थी| उसने बस एक रेस्तरां पर चाय पीने के लिए रोकी| मैं ड्राईवर के पास बैठकर चाय पीने लगा| कुछ बातचीत के बाद उसने बताया कि उसके हड़बड़ी में गाड़ी चलाने की वजह नशा नहीं बल्कि उसकी डबल ड्यूटी है| उसने इसी रूट पर पूरी रात बिना विश्राम बस चलाई थी| उसे जबरन फिर भेज दिया गया| बस रवाना हुई| वो भला मानुष ध्यान से चलाता पर बार-बार उसे नींद के हल्के झोंके आ रहे थे| हम सबकी जान मुट्ठी में समाई थी| अचानक तेज ब्रेक लगा और हमारी बस पलटी खाकर नीचे खाई में गिरने लगी| सब चीखने लगे| आँखों के आगे मौत थी| सारे मरे न भी पर गंभीर चोटें तो निश्चित थी| बस खाई में औन्धी पड़ी थी| चीख-पुकार सुनकर अन्य राहगीरों ने पुलिस और रोगी वाहन को सूचना कर दी| बीस मिनट बाद बचाव दल आया पर सब आश्चर्यचकित थे कि किसी भी यात्री को इतनी ऊंचाई से गिरने पर भी गंभीर चोट नहीं आई थी| सबका प्राथमिक उपचार हुआ और सबके मुह से यही निकला कि जाको राखे साईंया मार सके न कोय|
| Nobody can harm those, whom god protects
पिछले हफ्ते मैं बस से सफर कर रहा था| थोड़ी दूर जाने पर सभी यात्रियों को संदेह हुआ कि ड्राईवर नशे में है| शिकायत करने पर कहासुनी हो गई| वो बीच रास्ते में बस छोड़कर जाने को तैयार हो गया| सबने समझाइश की क्योंकि सभी को अपने गंतव्य तक पहुचने की जल्दी भी थी| उसने बस एक रेस्तरां पर चाय पीने के लिए रोकी| मैं ड्राईवर के पास बैठकर चाय पीने लगा| कुछ बातचीत के बाद उसने बताया कि उसके हड़बड़ी में गाड़ी चलाने की वजह नशा नहीं बल्कि उसकी डबल ड्यूटी है| उसने इसी रूट पर पूरी रात बिना विश्राम बस चलाई थी| उसे जबरन फिर भेज दिया गया| बस रवाना हुई| वो भला मानुष ध्यान से चलाता पर बार-बार उसे नींद के हल्के झोंके आ रहे थे| हम सबकी जान मुट्ठी में समाई थी| अचानक तेज ब्रेक लगा और हमारी बस पलटी खाकर नीचे खाई में गिरने लगी| सब चीखने लगे| आँखों के आगे मौत थी| सारे मरे न भी पर गंभीर चोटें तो निश्चित थी| बस खाई में औन्धी पड़ी थी| चीख-पुकार सुनकर अन्य राहगीरों ने पुलिस और रोगी वाहन को सूचना कर दी| बीस मिनट बाद बचाव दल आया पर सब आश्चर्यचकित थे कि किसी भी यात्री को इतनी ऊंचाई से गिरने पर भी गंभीर चोट नहीं आई थी| सबका प्राथमिक उपचार हुआ और सबके मुह से यही निकला कि जाको राखे साईंया मार सके न कोय|
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The story of Prahalad is applicable here...(son of a demon and a devotee of Vishnu)
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