Ek samaj sevak Ki Atmakatha
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मेरा जन्म राधनानगोरे, बंगाल में २२ मई १७७२ में एक माध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था । मेरे पिताजी रामकांतो रॉय थे और मेरी मां तरिनिदेवी थी। मैं जिस माहौल में बड़ा हुआ वह भारतीय इतिहास में एक बहुत ही अंधकारमय समय के रूप में देखा जाता है । अंग्रेजों ने हमारे देश को खोखला कर दिया था । धरम, जातिवाद, अन्धविश्वास और सामाजिक कुरीतियों ने हमारे गौरवशाली भूतकाल को एक कभी न मिटा सकने वाला स्याह धब्बा लगा दिया था। किसी भी सच्चे भारतीय का यह सब देखकर हृदय द्रवित हो उठना स्वाभाविक ही था और मैं इसमें कोई अपवाद नहीं था।
मैंने बंगाल, पटना, और काशी में शिक्षा प्राप्त की और संस्कृत, हिंदी, अरबी भाषा के साथ साथ वेदों तथा उपनिषदों का अध्ययन किया। अंग्रेजी मैंने २२ वर्ष की उम्र मैं जाकर सीखी। शिक्षा के महत्त्व को देखते हुए मैंने कलकत्ता में अपने बलबूते पर एक इंग्लिश स्कूल स्थापित किया। अपनी ही भाभी को सती होते देखकर जब मैं बहुत प्रयास करने पर भी उनको रोक न सका तो मेरा हृदय ग्लानि से भर गया और मैंने नारी को सशक्त बनाने के लिए विधवा विवाह के लिए प्रचार किया और बाल विवाह व सती प्रथा के विरोध में आवाज उठायी । नारी शिक्षा को भी बढ़ावा दिया । जटिल थर्मिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए मैंने ब्रह्म समाज की स्थापना की ।
मैंने अपने पुरे प्रयास किये इस उम्मीद के साथ कि भविष्य में उगने वाला सूरज अपने प्रकाश से हमारे राष्ट्र और राष्ट्रवासियों के जीवन का अन्धकार पूर्णतः दूर करेगा ।
मैंने बंगाल, पटना, और काशी में शिक्षा प्राप्त की और संस्कृत, हिंदी, अरबी भाषा के साथ साथ वेदों तथा उपनिषदों का अध्ययन किया। अंग्रेजी मैंने २२ वर्ष की उम्र मैं जाकर सीखी। शिक्षा के महत्त्व को देखते हुए मैंने कलकत्ता में अपने बलबूते पर एक इंग्लिश स्कूल स्थापित किया। अपनी ही भाभी को सती होते देखकर जब मैं बहुत प्रयास करने पर भी उनको रोक न सका तो मेरा हृदय ग्लानि से भर गया और मैंने नारी को सशक्त बनाने के लिए विधवा विवाह के लिए प्रचार किया और बाल विवाह व सती प्रथा के विरोध में आवाज उठायी । नारी शिक्षा को भी बढ़ावा दिया । जटिल थर्मिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए मैंने ब्रह्म समाज की स्थापना की ।
मैंने अपने पुरे प्रयास किये इस उम्मीद के साथ कि भविष्य में उगने वाला सूरज अपने प्रकाश से हमारे राष्ट्र और राष्ट्रवासियों के जीवन का अन्धकार पूर्णतः दूर करेगा ।
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