Math, asked by dubey9212, 9 months ago

ek sarvekshan main do bacchon wale parivaron mein wali ko ki sankhya nimn prakar ka ek hi parivaron mein walekum ki sankhya DU 80 parivaron ki sankhya 475 ki sankhya hogi

Answers

Answered by harishbaland
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Step-by-step explanation:

Kisi Ko samajh aaya k kya bola statement me ?

:-|

Answered by VedankMishra
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हम जानते हैं कि आयतों के क्षेत्रफल आयत चित्र की बारंबारताओं के समानुपाती होते हैं । यहां आयतों की चौड़ाई विचरण करती है। अतः हमें आयतों की लंबाइयों में कुछ परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है जिससे कि क्षेत्रफल पुनः बारंबारताओं के समानुपाती हो जाए। इसके लिए निम्न चरणों का पालन करते हैं।

(1) न्यूनतम वर्ग चौड़ाई वाला एक वर्ग अंतराल लेते हैं। उपरोक्त आंकड़ों में न्यूनतम वर्ग चौड़ाई 1 है।

(2) तब आयतों की लंबाइयों में इस प्रकार परिवर्तन करते हैं जिससे कि वह वर्ग चौड़ाई 1 के समानुपाती हो जाए।

संशोधित सारणी नीचे चित्र में प्रदर्शित की गई है।

परिवर्ती चौड़ाई वाला सही आयत चित्र नीचे चित्र में प्रदर्शित किया गया है।

★★आयत चित्र :

एक आयत चित्र सतत वर्गों में वर्गीकृत बारंबारता बंटन का एक आलेखीय निरूपण होता है।

रचना के चरण निम्न है :

(1) हम एक उपयुक्त पैमाना लेकर वर्ग सीमा को क्षैतिज अक्ष तथा बारंबारता को ऊर्ध्वाधर निरूपित करते हैं।

(2) अब हम वर्ग अंतराल के अनुसार सामान चौड़ाई और संगत वर्ग अंतराल की बारंबारताओं को कुल लंबाइयां मानकर आयत बनाते हैं।

क्योंकि क्रमागत आयतों के बीच कोई रिक्त स्थान नहीं है इसलिए परिणामी आलेख एक ठोस आकृति के समान दिखाई पड़ेगा। इस आलेख को आयात चित्र कहा जाता है।

★★ यदि प्रथम वर्ग अंतराल शून्य से प्रारंभ नहीं होता है, तब एक निकुंज का चिन्ह बनाकर या अक्ष में एक विच्छेद दिखाकर इस आलेख पर दर्शा सकते हैं।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।

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