Hindi, asked by priya7192, 1 year ago

Ek sukhe ped ki aatmakatha

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Answered by Anonymous
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मैं एक पेड़ हूं मेरा जन्म एक बीज के रूप में हुआ था मैं कुछ दिनों तक धरती पर यूं ही पढ़ा रहा और धूल में भटकता रहा. कुछ दिनों बाद वर्षा का मौसम आया तो बारिश हुई बारिश के कुछ समय बाद मैं बीज की दीवारों को तोड़कर बाहर निकला और इस दुनिया को देखा मैं उस समय बहुत ही कोमल था किसी के थोड़ा सा जोर से हाथ लगाने पर ही मैं टूट सकता था.

Ped ki Atmakatha in Hindi

जब मैं छोटा था तब छोटी सी आहट से ही मुझे डर लगता था मुझे ऐसा लगता था कि कोई पशु पक्षी या फिर इंसान मुझे तोड़ने ले या फिर अपने पैरों के नीचे कुचल ना दे. लेकिन समय बीतता गया और मैं धीरे-धीरे बड़ा होता गया. कुछ वर्षों में मैं प्रकृति को भी जानने लगा था कि कब कब बसंत ऋतु आती है कब वर्षा ऋतु आती है कब सर्द ऋतु आती है उस हिसाब से मैं अपने आप को ढाल लेता था.

मैंने अपने जीवन को बचाए रखने के लिए बहुत सी बाधाओं को पार किया है जैसे कि गर्मियों में सूरज की तेज धूप को सहा है तो कभी सर्दियों में बहुत अधिक ठंड को सहा है, कभी तेज तूफान आते है तो कभी ओले गिरते है, कभी कोई जानवर मुझे खाने को दौड़ता है तो कभी इंसान मेरी टहनियों को तोड़ लेता है. इन सभी बाधाओं से मुझे बहुत तकलीफ हुई लेकिन इन बाधाओं ने मेरे को इतना मजबूत बना दिया है कि अब मैं किसी भी बाधा का सामना कर सकता हूं.


priya7192: thanks
Answered by 24762018
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Answer:

thx for theeeee answerrrrrrrr

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