Hindi, asked by arnav283988, 9 days ago

Ek Tinka Kavita ka Arth bataiye​

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Answered by utkarsh2772
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Answer:

एक दिन कवि अपने छत की दीवार के निकट बैठकर स्वयं पर घमंड कर रहा था। वह संसार में खुद को सबसे बड़ा समझ रहा था। उसे अपने बड़े और शक्तिशाली होने का घमंड था। वह सोच रहा था कि दुनिया में उसे कष्ट देने वाला या आहत करने वाला कोई नहीं है। तभी अचानक हवा के एक झोंके से उड़कर एक तिनका उसकी आँख में आकर पड़ गया।

आँख में तिनका पड़ते ही कवि को बहुत पीड़ा हुई। वह दर्द से दुखी हो उठा। उससे अपनी बेचैनी सही नहीं जा रही थी। दर्द की अधिकता से उसकी आँखें भी लाल हो उठीं। कवि का अपने बड़े और शक्तिशाली होने का झूठा घमंड टूट गया। तब उसने पाया कि वह अन्य लोगों की सहायता के बिना अपनी रक्षा करने में असमर्थ है। यह अनुभव होते ही उसका घमंड दूर हो गया। तब वह विवश होकर अपने आस-पास के लोगों से सहायता की याचना करने लगा। लोगों ने कपड़े के मूँठ की सहायता से उसकी आँख से तिनका निकालने का प्रयास किया।

अनेक प्रयासों से लोगों की सहायता लेने के बाद तिनका जब कवि की आँख से निकल गया, तब कवि को समझ आ चुकी थी कि दुनिया में कोई बड़ा या छोटा नहीं है। जो व्यक्ति स्वयं पर घमंड करता है उसका घमंड चूर करने के लिए छोटी-से-छोटी वस्तु ही पर्याप्त है। कहने का तात्पर्य यह कि मनुष्य को कभी भी स्वयं पर घमंड नहीं करना चाहिए।

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