Hindi, asked by syedzahekhussain1806, 2 months ago

ek tinka ke adhar par kavi kya sonchra tha​

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Answered by shilpivishwakarma531
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एक तिनका कविता में कवि अयोध्या प्रसाद हरिऔध जी ने मनुष्य को घमंड न करने की नसीहत दी है। कवि कहता है कि एक बार वह बहुत घमंड से भरा हुआ था। किसी को अपना समकक्ष समझता नहीं था। एक दिन वह अपने छत की मुंडेर पर खड़ा हुआ था

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