एक 300 मी. लम्बे पाईप में प्रवणता 1:100 है। ऊँचे सिरे
पर प्यास 150 सेमी तथा निचले हिरे पर ग्यास 65 सेमी
है।पाईप में बहने वाले पानी की मात्रा 0.1 घनमी/सकेंड
है। यदि निचले सिरे पर दाब 100 किन्यू./वर्ग मी हो तो
रेसिरे पर दाब मत कीजिये।
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स्वीडन के प्रसिद्ध भाषाविद फर्दिनान्द द सस्यूर (Ferdinand de Saussure) इसके प्रवर्तक माने जाते हैं, जिन्हें हिन्दी में सस्यूर नाम से जाना जाता है। तर्क के संरचनावादी तरीके को विभिन्न क्षेत्रों जैसे, नृविज्ञान, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, साहित्यिक आलोचना और यहां तक कि वास्तुकला में भी लागू किया गया है।
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