"एक अच्छे यूरोपीय पुस्तकालय की अलमारी भारत और अरबी के सम्पूर्ण देशी साहित्य के बराबर होगी।" यह कथन किसका है।
(a) लॉर्ड विलियम बैण्टिक
(b) लॉर्ड ऑकलैण्ड
(c) लॉर्ड मैकाले
(d) लॉर्ड कर्जन
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"एक अच्छे यूरोपीय पुस्तकालय की अलमारी भारत और अरबी के सम्पूर्ण देशी साहित्य के बराबर होगी।" यह कथन का वक्ता है...
➲ लॉर्ड मैकाले
व्याख्या :
⏩ अंग्रेजी विचारक थॉमस बेविंगटन मेकॉले यह मानता था कि “एक अच्छे यूरोपीय पुस्तकालय की अलमारी भारत और अरबी के सम्पूर्ण देशी साहित्य के बराबर होगी।”
व्याख्या :
पश्चिमी विचारक थॉमस बेविंगटन मैकॉले भारत को एक असभ्य देश मानता था। उसके अनुसार भारत को सभ्यता का पाठ पढ़ाना आवश्यक है। मैकॉले के अनुसार पूरब के ज्ञान की कोई भी शाखा इंग्लैंड की प्रगति के समकक्ष नहीं थी। मैंकॉले के अनुसार एक अच्छे यूरोपीय पुस्तकालय का केवल एक खाना ही भारत और अरब देशों के समूचे देशी साहित्य के बराबर है।
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