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एक ऐसी स्थिति का उदाहरण दीजिए जिसमें बल के कारण गतिज ऊर्जा में परिवर्तन नहीं
होता।
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Answer:
कार्य और ऊर्जा
कार्य: किसी वस्तु पर किये गये कार्य का परिमाण उस वस्तु पर लगाये गये बल और वस्तु के विस्थापन के गुणनफल के बराबर होता है।
कार्य = बल × विस्थापन
W = F × s
यदि किसी वस्तु पर 1 N का बल लगाया जाये और वस्तु में 1 m का विस्थापन हो तो वस्तु पर किया गया कार्य
F = 1 N × 1 m = 1 N m
कार्य का SI मात्रक जूल है।
1 J = 1 N m
कार्य के पूरा होने के लिए दो शर्तों का पूरा होना जरूरी है। (1) वस्तु पर बल लगाया गया हो और (2) वस्तु में विस्थापन हो। यदि बल का मान शून्य होगा तो कार्य का मान भी शून्य होगा। इसी तरह यदि विस्थापन का मान शून्य होगा तो कार्य का मान भी शून्य होगा।
मान लीजिए कि आप किसी दीवार को धकेलने की कोशिश करते हैं। इस काम के लिए आप भरपूर बल लगाते हैं लेकिन अथक प्रयास के बावजूद दीवार टस से मस नहीं होती है। ऐसी स्थिति में कोई कार्य नहीं होता है। वहीं दूसरी ओर यदि आप हलके बल का इस्तेमाल करके एक कागज को खिसकाते हैं तो कार्य होता है।
जब वस्तु की गति की दिशा में बल लगाया जाता है तो कार्य का मान धनात्मक होता है। लेकिन यदि वस्तु की गति की दिशा के विपरीत दिशा में बल लगाया जाता है तो कार्य ऋणात्मक होता है। जैसे जब ड्राइवर ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोकता है तो कार्य ऋणात्मक होता है।
ऊर्जा
कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा का मात्रक भी जूल है। यानि 1 जूल कार्य करने की क्षमता को 1 जूल ऊर्जा कहते हैं।
ऊर्जा के रूप: ऊर्जा के कई रूप होते हैं। ऊर्जा के कुछ रूप हैं स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा, ऊष्मीय ऊर्जा, आदि।
गतिज ऊर्जा
किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं। गति का मान बढ़ने के साथ गतिज ऊर्जा का मान भी बढ़ जाता है।
गतिज ऊर्जा का समीकरण निकालने के लिए हम गति के इस समीकरण का उपयोग करते हैं।
Explanation:
Solution :
In an atom, an electron revolve around the nucleus with a constant speed in a given orbit. The force applied is electrostatic force of attraction between the nucleus and electron. As speed
is constant
KE = 1/2 mv² is constant.