एक अनुच्छेद लिखिए (साइकिल प्रतियोगिता का आखों देखा हाल )
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मैं जब क्लास 2 मे था , तब मैंने साइकिल चलाना सीखा । मुझे साइकिल चलाना सिखाने का श्रेय मेरे पिताजी को जाता है। मुझे साइकिल सीखने की इच्छा बहुत पहले से थी परंतु मैं गिरने और चोट लगने से डरता था। मेरे पिताजी मेरी समस्या को समझ गए । उन्होने मुझे समझाया कि मेहनत और लगन से किसी भी लक्ष्य हो हासिल किया जा सकता है। उन्होने मुझे साइकिल चलाने की तकनीक बताई और अभ्यास से मे साइकिल चलाना सीख गया। और जब मैं साइकिल चलाना सीखा तब मेरी खुशी का ठिकाना ना था। मैं उस सफलता से बहुत खुश था । मैंने अपने पिताजी को धन्यवाद दिया। मेरी माँ और मेरे परिवार के अन्य सदस्य भी इस बात से बेहद खुश थे। मैंने अपने सभी मित्रो को भी यह बात बताई । कुछ मित्रो तो बोले कि मैं उन्हे भी साइकिल चलाना सिखाऊँ । इस प्रकार साइकिल सीखना मेरे जीवन के यादगार क्षणो मे से एक था।
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