Hindi, asked by renukarathod28779, 8 months ago

एक बेचकी आतमककथा hindi essay writing ​

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Answered by Aditya1600
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ek ped ki atmakatha essay in hindi

मैं एक आम का पेड़ हूं। मैं काफी वर्षों से इस गांव के चौपाल में लगा हुआ हूं। मैं पेड़ अपने आप बहुत खुशनसीब समझता हूं। क्योंकि मैं मानव समुदाय को किसी ना किसी रूप में लाभ पहुंचाता हूं। मेरे जन्म से लेकर मृत्यु तक मेरा हर एक अंग मनुष्य के काम आता है। मैं किसी न किसी रूप में मानव को लाभ पहुंचाता हूं। मैं मानव के लिए ही नहीं अपितु संसार के प्रत्येक जीव को जीवित रहने के लिए जीवनदायिनी ऑक्सीजन प्रदान करता हूं।

इसके बावजूद भी लोग मुझे नुकसान पहुंचाते हैं। मैं एक गांव के चौपाल में रहता हूं। गांव के लोग मेरी छाया में कई घंटो तक बैठते हैं। एवं मेरी प्रशंसा करते हैं। जब लोग गर्मियों के दिनों में गर्मी तथा पसीने से परेशान हो जाते हैं। तो वह मेरी शीतल छाया का आनंद लेते हैं। जिससे लोगों को शांति का अनुभव होता है। मेरी छांव में बैठकर वह बहुत प्रसन्न होते हैं। और मेरा शुक्रिया अदा करते हैं।

इससे मैं बहुत प्रसन्न होता हूं। और सोचता हूं। कि चलो आज मैं किसी के काम आया हूं। परंतु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं। जो बिना किसी परेशानी के मुझे नुकसान पहुंचाते हैं। लोग अपने फायदे के लिए मुझ जैसे पेड़ को काट देते हैं। यह मुझे बहुत बुरा लगता है। क्योंकि मैं पेड़ मनुष्य को बिना किसी नुकसान पहुंचाए एक स्थान पर शांत खड़ा रहता हूं।

इसके बावजूद भी मुझे काट दिया जाता है। इस बात से मुझे बहुत दुख होता है। मेरा जन्म चौपाल में हुआ। जब मैं अन्य वृक्षों की तरह छोटा था। उस वक्त जानवर तथा मनुष्य मुझे हमेशा नुकसान पहुंचाते थे। अनेकों कठिनाइयों का सामना कर मैं इतना बड़ा हुआ हूं। आज मैं लगभग 80 वर्ष का हो चुका हूं। मेरा आकार बहुत बड़ा हो गया है। इस वजह से अब मुझे कोई मनुष्य या जानवर आसानी से नुकसान नहीं पहुंचा पाता है।

मेरी भव्यता को देखकर लोग मेरी तारीफ करते हैं। तो मैं बहुत खुश होता हूं। कि आज मेरा प्रत्येक भाग मनुष्य के काम आता है। मेरी लकड़ियों का उपयोग लोग घरों में चूल्हा जलाने के लिए करते हैं। तथा मुझ में बहुत से मीठे फल लगते हैं। जिन्हें खाकर पशु पक्षी तथा मनुष्य आनंद लेते हैं। मेरे फलों को खाकर मनुष्य मेरी तारीफ करें बिना नहीं रहता है।

मुझ में लगने वाले फल बहुत स्वादिष्ट और मीठे होते हैं। जब कोई व्यक्ति मेरे फलों की तारीफ करता है। तो उन्हें सुनकर मैं बहुत खुश हो उठता हूं। मैं हवा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण कर ऑक्सीजन छोड़ता हूं। जिससे वातावरण स्वच्छ एवं साफ रहता है। साथ ही में पक्षियों के रहने के लिए आवास प्रदान करता हूं। तथा मेरी जडे़ मृदा क्षरण को रोकती हैं। जिससे मिलगा बहती नहीं है।

मेरा जीवन काल बहुत लंबा होता है। इस कारण में मनुष्य तथा जीव जंतुओं की सालों तक सेवा कर सकता हूं। परंतु मुझे हर वक्त यही डर लगा रहता है। कि कहीं किसी क्षण मनुष्य मुझे काट नहीं दे। मुझे प्रत्येक क्षण यही चिंता लगी रहती है। क्योंकि इस मोह माया वाले संसार में कोई भी किसी को बिना किसी कारण के छाती पहुंचाने के लिए बैठा है।

उसी तरह मुझे डर लगता है। कि कहीं कोई मनुष्य मुझे काट कर नष्ट नहीं कर दे। मनुष्य मुझे काटने से पहले एक क्षण भी यह नहीं सोचता है। कि मैं उसके लिए कितने काम में आता हूं। मैं उन्हें कभी नुकसान नहीं पहुंचाता हूं। परंतु वह मुझे नुकसान पहुंचाते हैं। मनुष्य को इस बात का एहसास नहीं होता है। की वह मुझे नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ अपनी जिंदगी के साथ भी खिलवाड़ कर रहा है।

मैं मनुष्य तथा प्रत्येक जीव के लिए बहुत उपयोगी हूं। मुझसे कई लोगों का पेट पलता है। तथा लोग मेरे फलों को बेचकर अपने पूरे परिवार का पेट पालते हैं। इसी तरह मेरा हर अंग मनुष्य तथा पक्षियों के बहुत काम आता है। मैं आज इतना भव्य हूं। कि आज मुझ पर ना जाने कितने पक्षी अपना घर बनाकर रहते हैं। तथा मेरे फलों को खा कर अपना पेट पालते हैं।

मुझे मनुष्य या पक्षी भले ही नुकसान पहुंचाते है। परंतु मैं चुपचाप और शांत रहता हूं। मैं बहुत धैर्यवान हूं। अगर कोई मनुष्य मेरा कोई अंग भी काट देता है। मैं तब भी शांत रहता हूं। इसके बावजूद भी मैं प्रत्येक जीव की सेवा करता रहता हूं। मैं इस सेवा के बदले उन लोगों या जीवो से किसी प्रकार की मदद की उम्मीद नहीं रखता हूं।

जब तक रहूंगा तब तक मैं उन्हें कुछ ना कुछ देता रहूंगा। बिना किसी स्वार्थ के मानव समुदाय की सेवा करता रहूंगा।इसके बावजूद भी लोग मुझे नुकसान पहुंचाते हैं। लेकिन मुझे उम्मीद है। कि अब से लोग मुझे बिना किसी वजह के नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। और मैं इसी तरह वर्षों तक मानव समुदाय की सेवा करता रहूंगा।

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