एक बार भीमराव अपने भाई के साथ पि ता से मि लने जा रहे थे । उन दोनों ने एक बैलगाड़ी कि राए पर ली कु छ दरू जाने के बाद
जब गाड़ीवान को पता चला कि बैल गाड़ी में बैठे दोनों लड़के महार जाति के हैं, तो उसने गा तुरतं गाड़ी रोक दि या और कौन है
गाली देते हएु गाड़ी से नीचे उतार दि या। इस अपमान का बच्चों के के वल मन पर गहरा आघात लगा। इन कटु अनुभवों ने
बालक भीम के मन में वि दर् ोह का ऐसा बीज बो दि या , जि सने समय के साथ साथ एक सक्रि य ज्वालामुखी का रूप धारण कर
लि या। अस्पृश्यता , छुआ -छूत समाज का कलंक है। इन सब बातों पर वि चार करते हएु भीम ने समाज मैं फे ली इन
कु रीति यों को मि टाने का दढ़ृ संकल्प लि या। उन्होंने अपना सारा जीवन अच्युत को समानता और न्याय दि लाने में समर्पि त
कि या।
36.अ) बच्चों के कोमल मन पर अपमान का क्या असर पड़ा ?
आ) गाड़ी वाले ने दोनों बच्चों को गाड़ी से नीचे कि स कारण उतार दि या?
इ) भीमराव जी का जीवन कि स कार्य के लि ए समर्पि त था ?
ई) भीम ने कौन सा दढ़ृ संकल्प लि या?
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